नई दिल्ली और मास्को ने एक तंत्र को खत्म व्यापार प्रणाली करने के लिए एक अभ्यास शुरू किया है जिसके द्वारा रूस के स्वदेशी भुगतान मोड मीर और रुपे के माध्यम से लेनदेन का निपटान किया जा सकता है।
1 परिसर में प्रोग्राम्स में व्यापार सूचना प्रणाली में थाइलॅंड 2023
व्यापार सूचना प्रणाली कार्यक्रम में, एक कंपनी में सूचनाओं का प्रबंधन करने के लिए छात्रों को तकनीक का उपयोग करना सीखना चाहिए। एक प्रोग्राम कंप्यूटर विज्ञान, डेटा प्रबंधन, व्यवसाय नींव और निर्णय विश्लेषण, साथ ही गणित, अर्थशास्त्र, कानून और संचालन जैसे विषयों को कवर कर सकता है।
आधिकारिक तौर पर थाईलैंड, पूर्व में सियाम के रूप में व्यापार प्रणाली जाना जाता है, थाईलैंड के किंगडम, दक्षिण पूर्व एशिया में हिन्दचीन प्रायद्वीप के केंद्र में स्थित एक देश है. थाईलैंड के समुद्र तटों और द्वीपों के सभी दुनिया भर से हर साल आगंतुकों के लाखों लोगों को आकर्षित करते हैं. एक चार साल की डिग्री के साथ किसी को भी थाईलैंड में एक अंग्रेजी शिक्षक के रूप में रोजगार प्राप्त कर सकते हैं.
ऑन-कैंपस लर्निंग का तात्पर्य व्यक्तिगत रूप से कक्षाओं में भाग लेने से है। इसमें आम तौर पर पारंपरिक कक्षाओं और व्याख्यानों में जाना, समूह गतिविधियों में भाग लेना और व्यक्तिगत रूप से संकाय और साथियों के साथ जुड़ना शामिल है। ऑन-कैंपस सीखने में अक्सर प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों और अन्य कैंपस संसाधनों जैसे कि व्यापार प्रणाली छात्र क्लब, करियर सेवा कार्यालय और मनोरंजन केंद्र तक पहुंच शामिल होती है।
तकनीकी प्रणाली का परिचय
डेटाबेस के बारे में जानकारी शामिल करने और केंद्रीय प्रबंधन कार्यालय के साथ द्विदिश संचार में वास्तविक समय के आधार पर विशेष रूप
से रिकॉर्डिंग इकाइयों व्यापार प्रणाली को स्थापित करने और सुविधा में कई प्रकार के डेटा एकत्र करके फ़ील्ड की निगरानी और वास्तविक सुविधा के आधार पर
स्थिर तरीके से संरचनाओं का रखरखाव, मरम्मत और प्रबंधन करना है जिसमें क्षेत्र नियंत्रण इकाई और केंद्रीय पर्यवेक्षण कार्यालय शामिल हैं।
पाकिस्तानी बादाम से बेहिसाब कमाया, फिर आतंकियों को पाला-पोसा, टेरर फंडिंग केस में NIA ने दायर की चार्जशीट
सुनील जी भट्ट/कमलजीत संधू
- नई दिल्ली/जम्मू,
- 23 दिसंबर 2022,
- (अपडेटेड 24 दिसंबर 2022, 12:01 AM IST)
एनआईए ने शुक्रवार को टेरर फंडिंग और सीमा पार एलओसी व्यापार से जुड़े मामले में चार्जशीट दायर कर दी है. एजेंसी ने इस मामले में पुलवामा के तनवीर अहमद वानी और बारामूला के पीर अरशद इकबाल और बशीर अहमद सोफी को आरोपी बनाया है. यह मामला जम्मू-कश्मीर और पीओके के बीच क्रॉस एलओसी व्यापार के माध्यम से मुनाफाखोरी और धन जुटाने व जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए उस धन का उपयोग करने से संबंधित है.
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जांच में पता चला है कि व्यापारी बहुत ज्यादा बादामों का आयात कर रहे थे और कम बिल दिखकर बेहिसाब मुनाफा कमाया रहे थे. जांच में यह भी पाया गया कि पीओके के क्रॉस एलओसी व्यापारियों में कुछ आतंकवादी हैं और कुछ हिजबुल मुजाहिद्दीन के समर्थक थे. इसके बाद अप्रैल 2019 में व्यापार को रोक दिया गया था.
रिश्तेदारों, दोस्तों के नाम कर रखी थी फर्में
जांच में पता चला कि आरोपी तनवीर अहमद वानी और पीर अरशद इकबाल क्रॉस-एलओसी व्यापारी थे. वे कई क्रॉस एलओसी व्यापार फर्मों को संभाल रहे थे. ये फर्में उनके और उनके दोस्तों, रिश्तेदारों, कर्मचारियों के नाम पर रजिस्टर्ड थे. आयातित बादामों के अंडर-इनवॉइसिंग के अतिरिक्त आयात से असाधारण मुनाफा कमाया गया था.
हिजबुल और जैश के आतंकियों को करते थे फंड
जांच से पता चला है कि दोनों आरोपियों के पीओके स्थित सीमा पार हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों के साथ भी व्यापारिक संबंध में थे. आतंकी फंड जुटाने के बाद आरोपी तनवीर अहमद वानी ने हिजबुल और जैश से जुड़े कई आतंकवादियों को कैश मुहैया कराया था. वहीं आरोपी पीर अरशद इकबाल हिजबुल के पूर्व आतंकवादी बशीर अहमद सोफी को धन मुहैया कराता था. इस मामले में आगे की जांच जारी है.
एसजेएम के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन (Ashwani Mahajan) ने इंडिया नैरेटिव को बताया;
- वर्तमान स्थिति और रूस के खिलाफ प्रतिबंधों को देखते हुए भुगतान प्रणाली अब रणनीतिक है।
- भुगतान प्रणाली में आत्मनिर्भर होना अत्यंत महत्वपूर्ण है और हमें उस दिशा में काम करने की जरूरत है।
- महाजन ने कहा, 'हमारी अपनी भुगतान प्रणाली है, हमें यह देखने की जरूरत है कि इसकी वैश्विक स्वीकृति कैसे बढ़ाई जाए।'
- उन्होंने कहा कि भारत को रूस के स्वदेशी मीर व्यापार प्रणाली के साथ अपनी भुगतान प्रणाली को एकीकृत करने का प्रयास करना चाहिए।
- रूस पर प्रतिबंधों के बाद, जिसने मास्को को स्विफ्ट अंतरराष्ट्रीय भुगतान प्रणाली तक पहुंचने से अलग कर दिया, भारतीय रुपये का उपयोग मुख्य रूप से भुगतानों के निपटान के लिए किया जा रहा है।
- हालांकि रुपया-रूबल व्यापार अतीत में सफल नहीं रहा है, लेकिन चल रहे भू-राजनीतिक बदलावों ने दोनों देशों को बाधाओं को दूर करने के लिए काम करने के लिए प्रेरित किया है।
- यह व्यवस्था अनिवार्य रूप से दोनों देशों के बीच अमेरिकी डालर, यूरो या ब्रिटिश पाउंड के बजाय अपनी-अपनी मुद्राओं में भुगतान के निपटान की सुविधा प्रदान करती है।
भुगतान तंत्र को आसान बनाने पर विचार कर रहा केंद्र
प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा, 'केंद्र व्यापार को बढ़ावा देने के लिए भुगतान तंत्र को आसान बनाने पर विचार कर रहा है। हालांकि कुछ बाधाएं हैं लेकिन दोनों पक्ष उन मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।'
RuPay को 2012 में किया गया व्यापार प्रणाली व्यापार प्रणाली लांच
- भारत के राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा तैयार किए गए भारतीय भुगतान गेटवे RuPay को 2012 में लान्च किया गया था, जबकि मीर, इलेक्ट्रानिक फंड ट्रांसफर के लिए रूसी प्रणाली 2017 में अपनाई गई थी।
- ये गेटवे रुपये या रूसी रूबल में किए गए भुगतान को भी आसान बनाएंगे।
रूस के उप विदेश व्यापार प्रणाली मंत्री अलेक्जेंडर पैंकिन ने TASS को बताया कि मास्को ने मीर भुगतान तंत्र के उपयोग के लिए भारत के अलावा कई देशों के साथ पहले ही बातचीत शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि भुगतान प्रणाली को आज हथियार बनाया जा सकता है और हम दूसरे देशों की दया पर निर्भर नहीं रह सकते। भारत को इस मुद्दे को देखना चाहिए और रुपये को और अधिक स्वीकार्य बनाने की दिशा में भी काम करना चाहिए।
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