Delhi News: डबल लेयर सिक्योरिटी में बिजनेसमैन कर रहा था 88 लाख की विदेशी मुद्रा की तस्‍करी, ऐसे दबोचा गया

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Delhi News: दिल्‍ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर तैनात सीआईएसएफ के सुरक्षा कर्मियों ने एक व्‍यक्ति को विदेशी मुद्रा तस्‍करी के मामले में पकड़ा है। यह व्‍यक्ति बैंकॉक जा रहा था। आरोपी ने अपने लैपटॉप बैग में छिपा कर 88 लाख रुपये मूल्‍य के विदेशी मुद्रा रखे थे। आरोपी को गिरफ्तार कर कस्‍टम विभाग के हवाले कर दिया गया।

Delhi Airport

  • दिल्‍ली से बैंकॉक जा रहा था गिरफ्तार कारोबारी
  • लैपटॉप बैग के अंदर छिपा रखे थे डॉलर और दिरहम
  • आरोपी नहीं दे सका विदेशी मुद्रा के बाबत वैध कागजात

Delhi News: शरीर पर महंगे ब्रांड का सूट, हाथों में महंगी घड़ी, हाथ में एक ट्रॉली बैग लिए एक व्‍यक्ति एयरपोर्ट के चेक-इन इलाके में काफी देर से टहल रहा था। एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ के कर्मचारियों ने जब उसे पहली बार सीसीटीवी कैमरे से देखा तो वह कोई बड़ा बिजनेसमैन लगा, लेकिन उसके अंदर की बेचैनी, उस पर शक करने को मजबूर कर रही थी। इसके बाद जब एयरपोर्ट के सुरक्षाकर्मियों ने व्‍यक्ति के अपने साथ ले जाकर उसके बैग की जांच की तो अंदर से निकली नोटों की गड्डियां देख दंग रह गए।

यह पूरा मामला आईजीआई एयरपोर्ट पर बीती रात का है। सीआईएसएफ के प्रवक्ता अपूर्व विदेशी मुद्रा रुझान पांडेय ने बताया कि, बीती रात करीब एक बजे एयरपोर्ट पर निगरानी में तैनात खुफिया कर्मचारियों ने चेक-इन इलाके में एक व्‍यक्ति को देखा, जिसकी गतिविधियां संदिग्ध लग रही थी। इसके बाद जब यात्री के बैग की तलाश ली गई तो उसके अंदर विदेशी मुद्रा रुझान विदेशी मुद्रा रुझान रखे एक लैपटॉप बैग में करीब 88 लाख रुपये मूल्‍क की विदेशी मुद्रा बरामद की गई। पकड़ा गया यात्री इस विदेशी मुद्रा को लेकर बैंकॉक जा रहा था। यात्री को पूछताछ के लिए कस्टम विभाग के हवाले कर दिया गया है।

लैपटॉप बैग में मिले 56 हजार डॉलर और 2 लाख यूएई दिरहम

अधिकारियों के अनुसार, शक होने के बाद आरोपी से पूछताछ की गई तो उसने खुद को एक कारोबारी बताया। आरोपी की पहचान तमिश अनेजा के रूप में हुई। सुरक्षा कर्मियों ने शक के आधार पर आरोपी व उसके बैग की तलाशी ली तो कुछ नहीं मिला। इसके बाद आरोपी के ट्रॉली बैग से लैपटॉप बैग को निकालकर एक्‍सरे मशीन में डाला गया तो कुछ विदेशी मुद्रा दिखाई दी थी। इसके बाद दो लेयर को काट कर अंदर से करीब 56 हजार अमेरिकी डालर और 2 लाख यूएई दिरहम निकाले गए, इनका भारतीय मुद्रा में करीब 88 लाख रुपये मूल्‍य है। अधिकारियों के अनुसार आरोपित ने लैपटॉप बैग के अंदर बरामद मुद्रा को छिपा रखा था और पूछताछ के दौरान वह विदेशी मुद्रा के बाबत वैध कागजात पेश नहीं कर पाया। जिसके बाद आरोपी यात्री को गिरफ्तार कर आगे की कारवाई के लिए कस्टम विभाग विदेशी मुद्रा रुझान को सौंप दिया गया।

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बंद हो रहा 50 करोड़ की विदेशी मुद्रा देने वाला उद्योग

-100 पत्थर फैक्ट्रियों में सिर्फ 10 चालू, बाकी बंद -स्टोन पॉलिशिंग इंडस्ट्रीज खो रही पहचान -पत्थर को आकार देने वाले 1500 घिसाई के कारीगर और 10 हजार सामान्य मजदूर बेरोजगार -सिर्फ 12 कारीगरों को मिल रहा रोजगार शिवपुरी। मजदूरों को काम और सरकार को विदेशी मुद्रा देने वाली स्टोन पॉलिशिंग इंडस्ट्री बदहाली के कगार पर पहुंच गई है। यहां

बंद हो रहा 50 करोड़ की विदेशी मुद्रा देने वाला उद्योग

-100 पत्थर फैक्ट्रियों में सिर्फ 10 चालू, बाकी बंद

-स्टोन पॉलिशिंग इंडस्ट्रीज खो रही पहचान

-पत्थर को आकार देने वाले 1500 घिसाई के कारीगर और 10 हजार सामान्य मजदूर बेरोजगार

-सिर्फ 12 कारीगरों को मिल रहा रोजगार

शिवपुरी। मजदूरों को काम और सरकार को विदेशी मुद्रा देने वाली स्टोन पॉलिशिंग इंडस्ट्री बदहाली के कगार पर पहुंच गई है। यहां बीते 3 सालों में 90 स्टोन पॉलिशिंग फैक्ट्री बंद हो गईं हैं।अब सिर्फ 10 जगहों पर पत्थर को पॉलिश कर बाहर भेजने का काम चल रहा है।फैक्ट्री बंद होने से 15 हजार दिहाड़ी मजदूर और 500 से अधिक कारीगर बेरोजगार हो गए हैं।खदानों के बंद होने से उपजी इस समस्या का निदान करने के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास नहीं किए जा रहे। जबकि अवैध रूप से हो रहे पत्थर उत्खनन से कीमती पत्थर का उपयोग क्रेशरों पर गिट्टी बनाने में किया जा रहा है।

जिले की पत्थर खदानों पर 50 हजार से अधिक मजदूर काम करते थे। इन खदानों से मजदूरों को हर महीने 5 से 12 हजार रुपए तक आमदनी होती थी। खदानों को बंद करने के आदेश के बाद मजदूर बेरोजगार हो गए। अब, सफेद पत्थर को पॉलिश कर निर्यात करने की फैक्ट्रियां भी कच्चा माल न मिलने के कारण बंद हो रही हैं। 100 से अधिक फैक्ट्रियों में होने वाला पॉलिशिंग का काम अब सिमटकर 5 फैक्ट्री तक आ गया है।यह फैक्ट्रियां भी मुनाफा न मिलने के कारण बंद होने की कगार पर हैं।

यहां जाता था व्हाइट स्टोन

शिवपुरी के पत्थर की दुबई, ब्रिटेन सहित अन्य देशों में मांग है।सबसे ज्यादा इस पत्थर का उपयोग ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी में किया जाता था।फैक्ट्री संचालकों का कहना है पत्थर निर्यात करने के लिए यहां से प्रतिदिन दो से तीन ट्रक माल बंदरगाह पर भेजा जाता था।अब यह बंद हो गया है।

तीन कलर का है पत्थर

जिले की सैंड स्टोन खदानों से हर दिन विदेशी मुद्रा रुझान 50 लाख रुपए का पत्थर निकाला जाता था।इसमें पिंक, व्हाइट, मल्टी कलर के पत्थर को पॉलिश कर निर्यात किया जाता था।

पहले फैक्ट्रियों में एक समय में 100 से अधिक मजदूर काम करते थे।लेकिन पत्थर आना बंद हो गया तो फैक्ट्रियां भी बंद हो गईं।अब स्थिति यह है कि 5 से 7 मजदूरों को ही काम मिल पाता है।

पप्पू, घिसाई मशीन पर काम करने वाला मजदूर

अब विदेशी मुद्रा रुझान नहीं हो रहा निर्यात

पॉलिशिंग इंडस्ट्रीज से यहां की पहचान विदेशों में तक थी। यहां का पत्थर हर साल समुद्र के रास्ते भेजा जाता था।अब 50 करोड़ रुपए विदेशी मुद्रा देने वाली यह इंडस्ट्री बदहाल है।

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Indian Currency डॉलर को टक्कर देने के लिए इंडिया ने बनाया बिग प्लान, अमेरिका भी हैरान

Indian Currency: अमेरिकी डॉलर को टक्कर देने के लिए भारत सरकार ने एक बिग प्लान तैयार किया है। भारत के इस प्लान को जानकर अमेरिका भी हैरानी में है।

by Mahesh Kumar Shiva

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Indian Currency अमेरिकी डॉलर की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। वर्तमान समय में अमेरिकी डॉलर करीब 82 रुपये का है। अमेरिकी डॉलर को टक्कर देने के लिए भारत सरकार ने एक बिग प्लान तैयार किया है। भारत के इस प्लान को जानकर अमेरिका भी हैरानी में है।

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पिछले दिनों डॉलर के मुकाबले रुपये में काफी गिरावट देखने को मिली है। जिसके बाद रुपये को मजबूत करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इन्हीं कदमों में से एक केंद्र सरकार की ओर से इंटरनेशनल ट्रेड का फैसला भी लिया गया है।

दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए अमेरिकी डॉलर को ज्यादा प्राथमिकता दी जाती रही है। हालांकि अब मोदी सरकार ने इसी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर फैसला लिया है और भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार भारतीय रुपये में करने की संभावना तलाश रहा है। इसके लिए भारत कुछ देशों से लगातार बातचीत भी कर रहा है। इस बीच कुछ देशों ने रुपये में व्यापार करने में सहमति भी जता दी है।

भारत उन देशों को तलाश रहा है, जिनके पास डॉलर की कमी है। इस क्रम में श्रीलंका अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए भारतीय रुपये का इस्तेमाल करने पर सहमत हो गया है। सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका ने कहा कि वह भारतीय रुपये को श्रीलंका की विदेशी मुद्रा के रूप में नामित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मंजूरी का इंतजार कर रहा है।

श्रीलंकाई बैंकों ने भारतीय रुपये में ट्रेडिंग के लिए कथित रूप से स्पेशल वोस्ट्रो रुपी अकाउंट्स या SVRA नामक स्पेशल रुपी ट्रेडिंग अकाउंट खोला है। इसके साथ ही श्रीलंका और भारत के नागरिक एक दूसरे के बीच अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन के लिए अमेरिकी डॉलर की बजाय भारतीय रुपये का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं भारत के इस कदम से अमेरिका भी हैरान है और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जरूर भारत के इस फैसले पर नजर बनाकर रख सकते हैं।

रूस भी उन देशों की लिस्ट में शामिल हो सकता है जो कि आने वाले दिनों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए भारतीय रुपये का इस्तेमाल करे। इसके अलावा भारत ताजिकिस्तान, क्यूबा, लक्समबर्ग और सूडान समेत कई दूसरों देशों में भी रुपये में कारोबार करने के अवसर तलाश रहा है। वहीं रुपये के अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बनने से उम्मीद है कि भारत का व्यापार घाटा कम होगा और वैश्विक बाजार में इसे मजबूत करने में मदद मिलेगी।

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