Make a new account at Bybit and get 60$ bonus visit:
Bybit Cross & Isolated Margin (Bybit क्रॉस और आइसोलेटेड मार्जिन।)-Hindi
क्रॉस मार्जिन के साथ, एक खाते की शेष राशि में सभी उपलब्ध बेलेन्स एक ओपन आर्डर के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। इस तरीके में Bybit अपने आपसे मार्जिन की गिनती कर लेगा, जो आपको लिक्विडेशन (liquidations) से बचने में सहायता करेगा।
अबसे Bybit में क्रॉस मार्जिन डिफॉल्ट विकल्प है, और इसका उपयोग स्वचालित रूप से तब किया जाता है जब कोई लीवरेज के बिना पोजीशन ली जाती है।
bybit में आपके पास २ ऑप्शन हे, यतो आप क्रॉस मार्जिन रख सकते हे यतो आइसोलेटेड (Isolated)। आप अपने ट्रेडिंग पैनल के दायी और दिए गए स्लाइडर की मदद से कोई भी एक मार्जिन ऑप्शन चुन सकते हे। जैसा की इस फोटो में दिखाया गया हे।
कोर्स मार्जिन चुनने क लिए, स्लाइडर को पूरा बाई तरफ ले जाइये जहा क्रॉस लिखा हे। आइसोलेटेड मार्जिन को चुनने क लिए क्रॉस क आलावा आपकी पसंद की और किसी भी जगह स्लाइडर ला सकते हे। (2x,3x,5x,10x,वगेरा )
- आइसोलेटेड (Isolated) मार्जिन का उदाहरण:
अगर आपके अकाउंट में 1000 USD बैलेंस हे और यदि आप लेवरेज स्लाइडर को 3x पे ले जाते हो, तो अब आप 3000 USD तक ट्रेडिंग कर सकते हो, जिसके लिए आपको “Qty USD” बॉक्स में 3000 लिखना पड़ेगा।
क्रॉस मार्जिन के साथ आपको लेवरेज स्लाइडर को स्थानांतरित करने के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। क्रॉस मार्जिन आपके bybit खाते में उपलब्ध सभी बैलेंस को मार्जिन के लिए उपयोग करेगा। अप्प असा समाज सकते क बीबीट अपने तरीके से, आपके लिए मार्जिन की गिनती कर रहा हे।
अगर आपके अकाउंट में 1000 USD बैलेंस हे और आप ३क्स लेवरेज उसे करना चाहते हे तो सिर्फ “Qty USD” बॉक्स में 3000 लिखना हे, और आपका अकाउंट 3x लेवरेज पे हो जायेगा, आपको स्लाइडर उसे करने की कोई जरूर नहीं हे। ऐसे ही अगर आप 10000 USD ट्रेड करना कहते हो तो सिर्फ “Qty USD” बॉक्स में 10000 लिखिए और आपका लेवरेज 10x हो जायेगा।
Some useful links:
Make a new account at Bybit and get 60$ bonus visit:
कश्मीर में पाकिस्तान का क्या काम: कश्मीरियों का भरोसा जीतने का फॉर्मूला पाकिस्तान बिना मुश्किल, जानिए LoC पार रिश्ते कश्मीरियों के लिए अहम क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के 8 दलों के साथ करीब साढ़े तीन घंटे तक मीटिंग की। मोदी चाहते हैं कि दिल्ली और कश्मीर के बीच दिलों की दूरियां मिटें। पर, कश्मीरी नेताओं का कहना है कि एक मीटिंग से ये मुश्किल है। उनका मानना है कि कश्मीर और कश्मीरियों में विश्वास की बहाली जरूरी है।
इस बीच महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान के साथ दोबारा बातचीत शुरू करने की बात कहकर नई बहस शुरू कर दी है। बहस ये है कि कश्मीर में आखिर पाकिस्तान का क्या काम है? दरअसल, विश्वास बहाली फिलहाल पाकिस्तान से बातचीत किए बिना संभव नहीं दिखती है।
LoC पार रिश्ते अहम क्यों, सवाल-जवाब में जानिए.
सबसे पहला ट्रेडिंग के लिए Cross सवाल कि सरकार को कश्मीरी नेताओं से बातचीत की जरूरत क्यों पड़ी?
मोदी की कश्मीरी नेताओं के साथ बातचीत को एक बड़ी रुकावट दूर करने के तौर पर देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि नई दिल्ली और श्रीनगर के बीच पुल बनाने की कोशिश की जा रही है। जानकार बताते हैं कि सरकार को ये कदम उठाने की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि जम्मू-कश्मीर में किसी तरह की अस्थिरता अभी नहीं है और न ही कोई दबाव है। ऐसे में कश्मीरी पार्टियों के साथ बातचीत का ग्राउंड बन गया।
पाकिस्तान के साथ भी सीजफायर चल रहा है। ये फरवरी 2021 से जारी है। 2 साल में सैकड़ों आतंकवादी और उनके कई कमांडर मारे गए हैं। साथ ही जियो-पॉलिटिकल बदलाव भी हो रहे हैं। इन्हें देखते हुए सरकार को बातचीत का कदम उठाना पड़ा है।
पाकिस्तान का नाम फिर उठा क्यों?
गुपकार अलायंस का हिस्सा बनी PDP की चीफ महबूबा मुफ्ती ने मोदी के साथ मीटिंग के बाद कहा कि जिस तरह चीन से आप बात कर रहे हैं। तालिबान से दोहा में बात कर रहे हैं, उसी तरह कश्मीर मुद्दे पर आपको पाकिस्तान से दोबारा बातचीत शुरू करनी चाहिए।
पाकिस्तान का नाम उठने का असर क्या होगा?
महबूबा ने पाकिस्तान का नाम लिया है। पर गुपकार अलायंस में शामिल नेशनल कॉन्फ्रेंस चीफ फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हम पाकिस्तान को तस्वीर में लाना नहीं चाहते, हम इस मामले पर देश के प्रधानमंत्री से ही बात करेंगे। महबूबा ने जो कहा, वो उनका एजेंडा होगा। दोनों बयानों से गुपकार में शामिल पार्टियों के आपसी मतभेद सामने आ गए हैं।
पहले ही ये अलायंस 6 से 5 पार्टियों का हो गया है। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन पहले ही इससे अलग हो चुके हैं, जिन्होंने बैठक के बाद कहा था कि हम सकारात्मकता के साथ बैठक से बाहर आए हैं। बयानों से जाहिर है कि गुपकार में शामिल दलों को एक साथ लेकर चलना मुश्किल ही है। हालांकि, सज्जाद लोन भी जम्मू-कश्मीर में स्वायत्त शासन और क्रॉस बॉर्डर ट्रेड की मांग कर चुके हैं।
अब क्रॉस बॉर्डर ट्रेड और सफर क्यों जरूरी है?
दिल्ली स्थित ब्यूरो ऑफ रिसर्च ऑन इंडस्ट्री एंड इकोनॉमिक्स फंडामेंटल्स (BRIEF) ने कश्मीरियों के LoC पार व्यापार पर रिसर्च की। इसमें BRIEF ने श्रीनगर, बारामूला, उरी, पुंछ के व्यापारियों और करीब 4 हजार से ज्यादा परिवारों से बातचीत भी की है।
रिसर्च में सामने आया कि उरी-मुजफ्फराबाद और पुंछ-रावलकोट रूट पर व्यापार करने वाले लोगों पर बहुत बुरा असर पड़ा है। अप्रैल 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर में क्रॉस LoC ट्रेडिंग पर रोक लगा दी गई।
क्रॉस बॉर्डर ट्रेडिंग कब शुरू हुई, इसका दायरा कितना ज्यादा?
मुफ्ती सईद जब जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे, उनके समय 7 अप्रैल 2005 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पहली क्रॉस LoC बस सेवा कारवां-ए-पाकिस्तान की शुरुआत की थी। ये बस सेवा श्रीनगर को मुजफ्फराबाद से ट्रेडिंग के लिए Cross जोड़ती थी। बाद में 21 अक्टूबर 2008 को क्रॉस LoC ट्रेड शुरू की गई। ये उरी-मुजफ्फराबाद और पुंछ-रावलकोट रूट पर शुरू की गई थी।
रिसर्च के मुताबिक, 2008 से 2019 के बीच इन दोनों रूट पर 21 आइटम्स के व्यापार की इजाजत दी गई थी। इसके लिए कोई बैंकिंग या मनी ट्रांसफर फैसिलिटी नहीं थी। रिसर्च के मुताबिक, उरी-मुजफ्फराबाद रूट पर व्यापार करने वाले लोगों को सालाना 40 करोड़ का नुकसान हो रहा है। 2008 से 2019 के बीच दोनों रूट पर करीब 7500 करोड़ का व्यापार हुआ।
सरकार ने क्रॉस बॉर्डर ट्रेडिंग पर रोक क्यों लगा दी?
क्रॉस बॉर्डर ट्रेडिंग सीजफायर वॉयलेशन के चलते कई बार रोकनी पड़ी। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाए जाने से 5 महीने पहले 9 अप्रैल 2019 को इसे पूरी तरह से रोक दिया गया। सरकार ने कहा कि इस ट्रेडिंग रूट का इस्तेमाल हथियारों की स्मगलिंग, ड्रग्स और जाली नोटों की तस्करी के लिए किया जा रहा है।
ये क्रॉस बॉर्डर ट्रेडिंग जरूरी क्यों है?
जानकारों का कहना है कि क्रॉस LoC ट्रेडिंग और बस सर्विस कश्मीर में विश्वास बहाली के लिए 2 सबसे अहम जरूरी चीजें हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच भी कश्मीर मसला सुलझाने के लिए इनकी काफी अहमियत है। BRIEF ने अपनी रिसर्च के दौरान जब लोगों से बातचीत की, तब यही बातें सामने आईं।
हैंडीक्राफ्ट का व्यापार करने वाले फिरोज अहमद कहते हैं कि लॉकडाउन के चलते हमारे व्यापार पर असर पड़ा है। हम अनिश्चितता का माहौल नहीं चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हमारे नेता हमारी उम्मीदों को पूरा करें। स्टूडेंट हनान खान कहते हैं कि लॉकडाउन का सबसे बुरा असर हम लोगों पर पड़ा है। शुक्र है कि हाईस्पीड इंटरनेट सर्विस शुरू कर दी गई है। अब हम अपनी पढ़ाई में और व्यवधान नहीं चाहते हैं।
Best Stocks to Invest: साल 2022 में इन 10 शेयरों पर लगा सकते हैं दांव, ब्रोकरेज हाउस ने दी निवेश की टॉप पिक
Stock Market Outlook: ब्रोकरेज हाउस के मुताबिक, साल 2022 के लिए मिडकैप और स्मालकैप शेयरों में दांव लगाना चाहिए. मिडकैप और स्मालकैप कंपनियों की अर्निंग में सुधार है.
Stock Market Outlook: साल 2022 शेयर बाजार (Share Market) के लिए बढ़िया रहने वाला है. एक्सपर्ट्स से लेकर ब्रोकरेज फर्म (Brokerage firm) तक इस बात का जिक्र कर चुकी हैं. शेयर बाजार के दिग्गजों का भी मानना है कि बाजार के लिए बजट (Budget 2022) के बाद का सफर अच्छा हो सकता है. हल्की रिकवरी आएगी लेकिन बाजार फिर दौड़ लगाएंगे. निफ्टी (Nifty 50) इस साल 20 हजार का आंकड़ा छू सकता है. वहीं, सेंसेक्स (BSE Sensex) में भी 66000 के ऊपर के लेवल देखने को मिल सकते हैं. ब्रोकरेज हाउस ICICI Direct ने साल 2022 के लिए कुछ सेक्टर्स और स्टॉक्स दिए हैं, जिनमें निवेश पर बढ़िया रिटर्न मिल सकता है.
इन सेक्टर्स में आ सकती है बहार
ब्रोकरेज हाउस ICICI Direct के मुताबिक, साल 2022 में बाजार के लिए कई सेंटीमेंट मौजूद हैं. ब्रोकरेज हाउस बाजार को लेकर पॉजिटिव है और निफ्टी के लिए साल 2022 में फेयर वैल्यू 20 हजार रखी है. वहीं, सेंसेक्स के लिए 66,600 का टारगेट दिया गया है. साल 2022 में IT सेक्टर, कैपिटल गुड्स (Capital goods), आटो एंसिलियरीज (EV exposure), रिटेल और रीयल एस्टेट (Real Estate) सेक्टर अच्छा परफॉर्म कर सकते हैं. ब्रोकरेज हाउस ICICI Direct के मुताबिक, कोविड के बाद से लगातार ग्रोथ की बात हो रही है. इकोनॉमिक रिकवरी को लेकर काफी उम्मीदें हैं. एसेट क्वालिटी को लेकर चिंता अब दूर हो रही है. FY21E-23E में निफ्टी अर्निंग CAGR 25.7 फीसदी पर प्लेस्ड है.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
केमिकल, स्टील, टेक्सटाइल से जुड़े शेयर कराएंगे कमाई
ब्रोकरेज हाउस के मुताबिक, साल 2022 के लिए मिडकैप और स्मालकैप शेयरों में दांव लगाना चाहिए. मिडकैप और स्मालकैप कंपनियों की अर्निंग में सुधार है. दिसंबर तिमाही में भी अच्छे नतीजे आ रहे हैं. FY22-23E के दौरान मिडकैप और स्मालकैप की अर्निंग CAGR 39% और 28% रहने की उम्मीद है. स्पेशिएलिटी केमिकल, स्टील और होम टेक्सटाइल से जुड़ी कंपनियां बेहतर कर सकती हैं.
2022 में कहां रखना चाहिए फोकस?
टेक्नोलॉजी सेक्टर में वर्चुअलाइजेशन ऑफ बिजनेस, प्राइवेट सेक्टर कैपेक्स, इलेक्ट्रिक व्हीकल, फर्मा एंड केमिकल, क्रेडिट ग्रोथ, रिटेल सेक्टर, मेटल, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, रीयल एस्टेट, टेलिकॅम सेक्टर में 5G.
साल 2022 के लिए बेस्ट 10 स्टॉक
Stock TGT
Bharti Airtel 860 रु
The Phoenix Mills 1200 रु
Minda Corp 220 रु
Radico Khaitan 1450 रु
eClerx Services 2900 रु
Tech Mahindra 2150 रु
Orient Cement 250 रु
Dwarikesh Sugar 110 रु
NRB Bearings 220 रु
Aster DM Healthcare 250 रु
(Disclaimer: यहां शेयर में निवेश को लेकर सलाह ब्रोकरेज हाउस की है. ज़ी बिज़नेस की तरफ से सिर्फ जानकारी दी गई है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)
Share Market News : जानें क्या है 'डेथ क्रॉस पैटर्न', 21 साल में तीसरी बार दिख रहा ये अशुभ संकेत, इस वजह से गिर रहे शेयर बाजार !
वैश्विक बाजार ट्रेडिंग के लिए Cross लगातार गिरावट की ओर है। जिस वजह से भारतीय शेयर बाजार की हालत भी खस्ता है। नैस्डेक कंपोजिट इंडेक्स की ट्रेडिंग का चार्ट पैटर्न बीते शुक्रवार को 'डेथ क्रॉस' (Death Cross) फॉर्मेशन में आ गया।
death cross pattern
Share Market News : वैश्विक बाजार लगातार गिरावट की ओर है। जिस वजह से भारतीय शेयर बाजार की हालत भी खस्ता है। नैस्डेक कंपोजिट इंडेक्स (Nasdaq Composite Index) की ट्रेडिंग का चार्ट पैटर्न बीते शुक्रवार को 'डेथ क्रॉस' (Death Cross) फॉर्मेशन में आ गया। आपको जानकारी के लिए बाटे दें कि शेयर बाजार को जानने-समझने और निवेश करने वाले इसका मतलब भली-भांति जानते हैं। दरअसल, स्टॉक मार्केट में इस शब्द या यूं कहें इस पैटर्न को अशुभ मानते हैं। इसे गिरावट का संकेत माना जाता रहा है।
अगर हम बीते समय के आंकड़ों की बात करें तो 'डेथ क्रॉस' चार्ट पैटर्न कुछ समय के लिए स्टॉक मार्केट पर काफी भारी पड़ता है। बाजार के एक्सपर्ट कहते हैं, इससे बाहर निकलने में बाजार को अच्छा-खासा वक्त लग जाता है। लेकिन यहां हम आपको ये भी बताना चाहते है कि अभी यह अस्पष्ट नहीं है। यह साफ-साफ नहीं कहा जा सकता है कि ये फॉर्मेशन आने वाले समय में कारोबारियों को ज्यादा परेशान करने वाला है या बस थोड़े दिन की बात है।
2020 में पहली बार ट्रेडिंग के लिए Cross दिखे थे 'अशुभ संकेत'
गौरतलब है, कि इससे पहले अप्रैल, 2020 में नैस्डेक (Nasdaq) 'डेथ क्रॉस' फॉर्मेशन में आया था। लेकिन, वो समय अलग था। तब कोरोना महामारी की वजह से चारों ओर अनिश्चितता का भाव था। तब ये बात निवेशकों को समझ नहीं आ रही थी, कि यह गिरावट कितने लंबे वक्त तक के लिए है। लेकिन अब, अनिश्चितता का ट्रेडिंग के लिए Cross वह माहौल काफी हद तक कम हो गया है। ऐसे में बाजार के 'डेथ क्रॉस फॉर्मेशन' की वजह से निवेशकों में एक तरह की बेचैनी देखने को मिल रही है।
पिछले साल नवंबर से अब तक बड़ी गिरावट
यहां आपको बता दें, कि नैस्डेक कंपोजिट इंडेक्स (Nasdaq Composite Index) शुक्रवार को 1.2 प्रतिशत तक नीचे लुढ़क गया था। वहीं, पिछले साल 19 नवंबर को नैस्डेक काफी उच्च स्तर पर देखा गया था। उस समय से अब तक उसमें करीब 16 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।
जानें क्या है 'डेथ क्रॉस पैटर्न' (Death Cross Pattern)
अब आपके मन में सहज सवाल उठना लाजमी है कि आखिर 'डेथ क्रॉस पैटर्न' (Death Cross Pattern) है क्या? तो आपको बताते चलें कि यह स्टॉक मार्केट के ट्रेडिंग पैटर्न से जुड़ा होता है। दरअसल, चार्ट पर एक खास तरह का पैटर्न बनने पर इसे डेथ क्रॉस पैटर्न कहा जाता है। जब इंडेक्स का 50 दिनों का मुविंग एवरेज (moving average) 200 दिनों के मुविंग एवरेज से नीचे चला जाता है तब चार्ट पर डेथ पैटर्न बन जाता है। जब डेथ क्रॉस पैटर्न बन जाता है तब निवेशक बेहद सतर्क हो जाते हैं। क्योंकि, तब निवेशकों का मानना होता है कि शेयर बाजार में अब लंबे समय तक गिरावट जारी रह सकती है। जिसका नतीजा अभी आपके सामने है।
साल 2000 और 2008 में दिखा था डेथ क्रॉस पैटर्न
साल 2000 में भी न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (New York Stock Exchange) पर कुछ इसी प्रकार का 'डेथ क्रॉस पैटर्न' बना था। तब डॉटकॉम कंपनियों के शेयर बुरी तरह टूटे थे। जनवरी 2008 में भी ऐसा ही एक डेथ क्रॉस पैटर्न देखने को मिला था। जिसके बाद पूरी दुनिया में आर्थिक संकट आ गया था।
आखिर क्या है वजह गिरावट की?
इस वक्त कमजोर वैश्विक संकेतों (global signals) और रूस-यूक्रेन तनाव (Russia-Ukraine tension) के बीच भारतीय शेयर बाजारों सहित दुनियाभर के बाजारों में भी बीते कुछ समय से गिरावट का दौर है। अगर यहां, भारतीय बाजारों के परिपेक्ष्य में बात करें, तो विदेशी संस्थागत निवेशक की तरफ से भारी बिकवाली भी एक बड़ी वजह रही है। बीएसई का सेंसेक्स इस साल की शुरुआत से 2.28 प्रतिशत टूटा है। वहीं, निफ्टी में 1.98 फीसद की गिरावट देखी गई है।
Stock Market : जोश में निवेशक, आज 60 हजार के पार जाएगा बाजार, मुनाफे के लिए इन शेयरों पर लगाएं दांव
मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स 524 अंक चढ़कर बंद हुआ था.
भारतीय शेयर बाजार आज लगातार आठवें सत्र में भी बढ़त बनाने को तैयार है और सेंसेक्स 60 हजार के आंकड़े को फिर पार कर जाएगा . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 25, 2022, 07:33 IST
हाइलाइट्स
सेंसेक्स पिछले कारोबारी सत्र में 524 अंकों के उछाल के साथ 59,831 पर पहुंच गया.
निफ्टी में भी 154 अंक का उछाल आया और यह 17,730 के स्तर पर पहुंच गया.
आज तेजी रही तो यह लगातार आठवां कारोबारी सत्र होगा बाजार ने बढ़त बनाई है.
नई दिल्ली. भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) ने बीते सात कारोबारी सत्र से लगातार बढ़त बनाई है और निवेशकों का उत्साह भी सातवें आसमान पर है. इसका फायदा आज की ट्रेडिंग को मिलेगा और सेंसेक्स 60 हजार के आंकड़े को फिर पार कर सकता है. ग्लोबल मार्केट में भी आज तेजी का माहौल बना हुआ है, जिसका असर घरेलू निवेशकों के सेंटिमेंट पर भी बखूबी दिखेगा.
सेंसेक्स पिछले कारोबारी सत्र यानी मुहूर्त ट्रेडिंग के समय करीब 524 अंकों के उछाल के साथ 59,831 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी में भी 154 अंक का उछाल आया और यह 17,730 के स्तर पर पहुंच गया. इस दौरान सबसे ज्यादा तेजी निफ्टी बैंक इंडेक्स में आई जो 520 अंक चढ़ा. एक्सपर्ट का कहना है कि आज के कारोबार में भी लगातार तेजी का लाभ मिलेगा. बाजार ने बीते 7 कारोबारी सत्र में बढ़त बनाई है और आज भी निवेशक खरीदारी की ओर बढ़ते हैं तो सेंसेक्स फिर 60 हजार के पार चला जाएगा.
अमेरिका और यूरोप के बाजारों का हाल
अमेरिका में फेड रिजर्व ने एक बार फिर ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बड़ी बढ़ोतरी का संकेत दिया है. इसके अलावा महंगाई और बेरोजगारी के आंकड़ों में भी वृद्धि हुई है, जिससे निवेशकों ने बाजार से दूरी बना ली थी. हालांकि, अब थोड़ा सुधार आ रहा है और बीते कारोबारी सत्र में अमेरिका के प्रमुख शेयर बाजारों में शामिल Nasdaq पर 0.86 फीसदी की बढ़त दिख रही है.
अमेरिका की तर्ज पर यूरोप के बाजारों में भी तेजी देखी जा रही है और सभी प्रमुख शेयर बाजार पिछले कारोबारी सत्र में चढ़कर बंद हुए. यूरोप के प्रमुख शेयर बाजारों में शामिल जर्मनी का स्टॉक एक्सचेंज 1.58 फीसदी बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि फ्रांस के शेयर बाजार ने 1.59 फीसदी की बढ़त बनाई. इस दौरान लंदन स्टॉक एक्सचेंज भी 0.64 फीसदी के उछाल के साथ बंद हुआ.
एशियाई बाजारों का मिलाजुला रुख
एशिया के ज्यादातर शेयर बाजार तो आज बढ़त के साथ खुले हैं, लेकिन कुछ बाजारों में गिरावट भी देखी जा रही है. सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज पर आज सुबह 0.16 फीसदी का नुकसान दिख रहा तो जापान के निक्केई पर 0.82 फीसदी का उछाल है. हांगकांग के बाजार में भी 0.40 फीसदी तो दक्षिण कोरिया के शेयर बाजार में 0.41 फीसदी की बढ़त दिख रही है. वहीं, ताइवान के शेयर बाजार में आज सुबह 0.65 फीसदी का नुकसान दिख रहा है.
आज इन शेयरों पर दांव लगाएं निवशक
एक्सपर्ट का कहना है कि आज के कारोबार में अगर निवेशकों को मुनाफे की तरफ जाना है तो कुछ ऐसे स्टॉक्स हैं, जिनपर दांव लगाकर तेजी हासिल की जा सकती है. इसमें कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर का टार्गेट 1990 रुपये तक दिया जा रहा है, जबकि गिरावट आने पर यह 1850 तक सीमित रहेगा. इसी तरह, डॉबर इंडिया के शेयरों का टार्गेट प्राइस 565 रुपये है, जो नुकसान होने पर 522 तक जा सकता है. टाटा मोटर्स भी आज डिमांड में रहेगा, जिसके शेयर 412 के भाव तक जा सकते हैं. अगर नुकसान हुआ तो 387 तक जाएगा. एसबीआई के शेयरों में भी आज तेजी रहेगी और यह 595 का आंकड़ा छूट सकते हैं, जबकि गिरावट में यह 540 तक सीमित रहेगा.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 743