उदाहरण के लिए, सोने की ट्रेडिंग के लिए शुरुआती मार्जिन मनी 3200 रुपये है, जो सोने की ट्रेडिंग यूनिट का 10% है। इनिशियल मार्जिन के साथ, एक व्यापारी को एक मेंटेंस मार्जिन भी बनाए रखना होता है ताकि वह अपने सभी नुकसानों को कवर करने में सक्षम हो, अगर बाजार अन्य परिदृश्यों से प्रतिकूल रूप से प्रभावित होता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम
इंट्राडे ट्रेडिंग यानी की एक ही दिन के अंतराल में स्टॉक को बाय और सेल करना । लेकिन मार्केट के 6 घंटे की अवधि किस अवधि में इंट्राडे ट्रेडिंग करना फायदेमंद होता है, साथ ही इक्विटी और कमोडिटी के लिए क्या इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम रखा गया है, ये सभी ज़रूरी बातो को यह विस्तार में जानेंगे।
अब जैसे की आप जानते है कि शेयर बाजार के नियम है जिसका पालन कर आप ट्रेड कर सकते है । सभी नियमों में से एक नियम शेयर मार्केट के समय का है जिसमे आप ट्रेड कर सकते है। इक्विटी शेयर बाजार की बात करे तो वह सुबह 9:15 से शाम 3:15 तक खुला रहता है । यह 6 घंटे की अवधि एक ट्रेडर के लिए विभिन्न अवसर लेकर आती है जिसमे ट्रेडर मुनाफा कमा सकता है।
लेकिन इंट्राडे ट्रेडिंग में मुनाफे के लिए ज़रूरी है एक सही समय का चुनाव करना । ऐसा इसलिए क्योंकि ट्रेडिंग के दौरान वोलैटिलिटी, लिक्विडिटी और अन्य कारक प्राइस में तेज़ी से उतार-चढ़ाव लाते है जिसकी वजह से एक ट्रेडर को नुकसान भी हो सकता है।
कमोडिटी इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम
कमोडिटी मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम रात को 11:55 तक खुली रहती है तो अगर किसी कमोडिटी (crude oil, cotton, natural gas, etc) में ट्रेड करते है तो आप अपनी पोजीशन को रात तक ओपन करके रख सकते है ।
लेकिन इक्विटी मार्केट कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर की तरह यहाँ भी आपको स्क्वायर-ऑफ टाइम का ध्यान रखना है और मार्केट बंद होने से कम से कम 15 मिनट पहले अपनी पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करना होता है ।
इंट्राडे ट्रेडिंग स्क्वायर ऑफ का समय हर ब्रोकर का अलग होता है और इसलिए आप अपने ब्रोकर से इसकी जानकारी ज़रूर प्राप्त करें कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर ।
इंट्राडे ट्रेडिंग करने का सही समय
इंट्राडे ट्रेडिंग उन्ही स्टॉक में ज़्यादातर की जाती है जिसमे अस्थिरता ज़्यादा होती है, अब कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर यहाँ पर अलग अलग समय में वोलैटिलिटी भी अलग होती है जिसके अनुसार इंट्राडे ट्रेडिंग समय सीमा को निम्नलिखित चरणों में बांटा गया है:
ये इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम सबसे ज़्यादा वोलेटाइल होता है। सुबह के पहले घंटे में इंट्राडे स्टॉक में सबसे ज़्यादा अस्थिरता देखी जाती है, इसका सबसे बढ़ा कारण मार्केट बंद होने के बाद आयी कोई न्यूज़ या अन्य कोई कारण हो सकता है। ये वह समय में सबसे ज़्यादा वॉल्यूम देखि जाती है यानी की इस समय सबसे ज़्यादा ट्रेडर एक्टिव रहते है।
ये समय ट्रेडर्स के लिए मुनाफा कमाने का अवसर लेकर आता है लेकिन वोलैटिलिटी अधिक होने के कारण इस समय नुक्सान भी ज़्यादा हो सकता है और इसलिए शुरूआती ट्रेडर को इस समय इंट्राडे ट्रेड करने की सलाह नहीं दी जाती।
How To Start Commodity Trading in Hindi | कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? जानें आसान तरीका
How To Start Commodity Trading in Hindi: व्यापारियों कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर को कमोडिटी ट्रेडिंग में सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत समर्पण, अनुभव और कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है। इस लेख में कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे शुरू करें (How To Start Commodity Trading in Hindi), इस बारें में समझाया गया है।
Commodity Trading in Hindi: कमोडिटी ट्रेडिंग कई शुरुआती और अनुभवी व्यापारियों के लिए एक चुनौतीपूर्ण काम है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इक्विटी ट्रेडिंग और निवेश के अन्य विभिन्न रूपों की तुलना में Commodity Trading में चुनौतियां अधिक हैं।
कमोडिटी ट्रेडिंग को ट्रेडिंग के सबसे विकासशील रूपों में से एक माना जाता है, खासकर भारत में इसका चलन नया है। नतीजतन कई व्यापारियों ने इक्विटी और रियल एस्टेट के बाद कमोडिटी में निवेश करना शुरू कर दिया है। हालांकि, कमोडिटी ट्रेडिंग में जोखिम इक्विटी ट्रेडिंग के ही समान हैं, लेकिन यह कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर एक पैसा बनाने वाला प्लेटफॉर्म भी है जो व्यापारियों को सामान खरीदने और बेचने से बड़ा लाभ कमाने में मदद करता है।
How To Start Commodity Trading in Hindi | कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? जानें आसान तरीका
How To Start Commodity Trading in Hindi: व्यापारियों को कमोडिटी ट्रेडिंग में सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत समर्पण, अनुभव और कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है। इस लेख में कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे शुरू करें (How To Start Commodity Trading in Hindi), इस बारें में समझाया गया है।
Commodity Trading in Hindi: कमोडिटी ट्रेडिंग कई शुरुआती और अनुभवी व्यापारियों के लिए एक चुनौतीपूर्ण काम है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इक्विटी ट्रेडिंग और निवेश के अन्य विभिन्न रूपों की तुलना में Commodity Trading में चुनौतियां अधिक हैं।
कमोडिटी ट्रेडिंग को ट्रेडिंग के सबसे विकासशील रूपों में से एक माना जाता है, खासकर भारत में इसका चलन नया है। नतीजतन कई व्यापारियों ने इक्विटी और रियल एस्टेट के बाद कमोडिटी में निवेश करना शुरू कर दिया है। हालांकि, कमोडिटी ट्रेडिंग में जोखिम इक्विटी ट्रेडिंग के ही समान हैं, लेकिन यह एक पैसा बनाने वाला प्लेटफॉर्म भी है जो व्यापारियों को सामान खरीदने और बेचने से बड़ा लाभ कमाने में मदद करता है।
आपको रातोंरात करोड़पति बना सकता है Commodity Market, बस जाननी होंगी ये बारीकियां
इन दिनों लोगों में शेयर मार्केट का बड़ा क्रेज है. क्योंकि यह कम समय में ही अच्छा खासा रिटर्न भी उपलब्ध कराता है, लेकिन स्टॉक मार्केट के अपने कुछ प्लस-माइनस भी हैं. जहां लोगों के मन में अच्छे-अच्छे शेयर खरीदकर लाखों करोड़ों कमाने की ललक रहती है, वहीं सेनसेक्स कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर में गिरावट के साथ बड़ी रकम गंवाने का डर भी. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मार्केट के बारे में बताने कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर जा रहे हैं, जिसके बारे में आपने पहले सुना तो खूब होगा लेकिन यह कैसे काम करता है और आप इसमे निवेश कर कैसे अच्छा खासा रिटर्न हासिल कर सकते हैं और वो भी कम जोखिम के साथ.
क्या है कमोडिटी मार्केट
कमोडिटी कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर ट्रेडिंग में है दिलचस्पी? जानें कुछ अहम बातें
2. क्या ये वही ब्रोकर होते हैं, जो इक्विटी ब्रोकिंग सर्विस ऑफर करते हैं?
नहीं, लेकिन इनमें से कई इक्विटी ब्रोकिंग सर्विस ऑफर करते हैं और उन्होंने कमोडिटी एफएंडओ ब्रोकिंग के लिए अलग सब्सिडियरी खोल ली है। इनमें एंजल कमोडिटीज, कार्वी कमोडिटीज जैसी इकाइयां शामिल हैं। इसका मतलब यह है कि अगर आप कमोडिटी में ट्रेड करना चाहते हैं तो अलग अकाउंट खोलना पड़ेगा।
3. क्या डिलिवरी अनिवार्य है?
ज्यादातर ऐग्रिकल्चर फ्यूचर्स जैसे एडिबल ऑयल्स, स्पाइसेज वगैरह में डिलिवरी अनिवार्य है, लेकिन आप अपनी पोजिशन को डिलिवरी से पहले काट सकते हैं। नॉन-ऐग्री सेगमेंट में ज्यादातर कमोडिटीज नॉन-डिलिवरी बेस्ड होती हैं।
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