रियल एस्टेट और फंड में निवेश अभी भी गोल्डन वीज़ा के सबसे लोकप्रिय मार्ग हैं। ग्रीस में, देश में कहीं भी किसी भी रियल एस्टेट में $250,000 का निवेश करना संभव है। पुर्तगाल में, न्यूनतम निवेश â280,000 से शुरू होता है। हालांकि, आपको पुनर्जनन क्षेत्रों में कम घनत्व वाली नगरपालिकाओं में से चुनना होगा या 30 साल पुरानी नवीनीकरण परियोजनाओं में निवेश करना होगा।

कतर में FIFA World Cup कवर करते हुए अमेरिकी पत्रकार की मौत, LGBTQ के समर्थन में पहनी थी रेनबो शर्ट

US journalist Grant Wahl: FIFA World Cup कवर करते हुए अमेरिकी पत्रकार की मौत, मृतक पत्रकार को कुछ दिन पहले ही रेनबो टीशर्ट पहनने के मामले में गिरफ्तार किया गया था.

US Journalist Dies in मैं कनाडा के शेयर कहां से खरीद सकता हूं Qatar: LGBTQ समुदाय के समर्थन में एक रेनबो शर्ट पहनने के लिए कतर में हिरासत में लिए गए अमेरिकी पत्रकार ग्रांट वाहल की फीफा विश्व कप को कवर करने के दौरान मृत्यु हो गई, उनके भाई ने आज घोषणा की। ग्रांट, जो कि 48 मैं कनाडा के शेयर कहां से खरीद सकता हूं वर्ष के थे, शुक्रवार को लुसैल आइकोनिक स्टेडियम में अर्जेंटीना और नीदरलैंड के बीच क्वार्टर फाइनल मैच कवर करते समय गिर पड़े।

पढ़ें :- FIFA World Cup 2022: मोरक्को से मिली हार के बाद बेल्जियम में बवाल; 1 गिरफ्तार, कई हिरासत में

ग्रांट के भाई, एरिक ने आरोप मैं कनाडा के शेयर कहां से खरीद सकता हूं लगाया कि कतरी सरकार पूर्व स्पोर्ट्स इलस्ट्रेटेड पत्रकार की मौत में शामिल हो सकती है। बता दें कि ग्रांट वाहल इस शुक्रवार (09 दिसंबर) को लुसैल आइकोनिक स्टेडियम में अर्जेंटीना और नीदरलैंड के बीच क्वार्टर फाइनल मैच कवर कर रहे थे. मैच के दौरान ही वे अचानक ही अपनी सीट से गिर पड़े.

जानें, भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों के भारत में संपत्ति खरीदने को लेकर क्या हैं नियम

property

विदेश मंत्रालय की नियमावलि के मुताबिक गैर-भारतीय मूल के विदेशी नागरिक भारत में अचल संपत्ति की खरीद नहीं कर सकते हैं। हालांकि किसी भारतीय मूल के व्यक्ति को विरासत में मिली संपत्ति में वे निवेश कर सकते हैं। हालांकि ऐसी संपत्ति की लीज उन्हें 5 साल से अधिक अवधि के लिए नहीं मिल सकती।

अब बात उन लोगों की जो भारत में रहते हैं, लेकिन विदेशी नागरिक हैं। ऐसे लोग फेमा के सेक्शन 2(V) के तहत भारत में अचल संपत्ति की खरीद कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए संबंधित अथॉरिटीज से मंजूरी हासिल करनी होगी। हालांकि पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्री लंका, अफगानिस्तान, चीन, ईरान, नेपाल और भूटान के नागरिक रिजर्व बैंक की मंजूरी मिलने के बाद ही भारत में संपत्ति की खरीद कर सकते हैं।

ग्रीस और पुर्तगाल: कहां निवेश करना है और यह जल्दी करने लायक क्यों है?

ग्रीस और पुर्तगाल: कहां निवेश करना है और यह जल्दी करने लायक क्यों है?

ग्रीस और पुर्तगाल में अलग-अलग निवास नियम और अलग-अलग नागरिकता मार्ग हैं। फिर भी, उनके संबंधित गोल्डन वीज़ा कार्यक्रम वे हैं जिनकी तुलना निवेशक आमतौर पर तब करते हैं जब वे अपना शोध शुरू करते हैं। इसका कारण अन्य यूरोपीय देशों की तुलना में निवेश संपत्ति की अपेक्षाकृत कम खरीद मूल्य और उत्कृष्ट जलवायु और दृश्य हैं।

हालांकि, ग्रीक और पुर्तगाली गोल्डन वीजा में आने वाले बदलावों की बड़बड़ाहट के साथ, हमें याद रखना चाहिए कि सरकारें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए इस तरह के कार्यक्रम बनाती हैं और नियम कभी भी बदल सकते हैं।

प्रधान मंत्री कोस्टा ने पुर्तगाल में वेब समिट में कहा कि उन्हें लगता है कि गोल्डन वीज़ा कार्यक्रम ने अपना कोर्स चलाया है। हालांकि, नवंबर के अंत में, उनकी पार्टी ने आगामी वर्ष में कार्यक्रम को बदलने के खिलाफ मतदान किया। और सितंबर में, ग्रीक प्रधान मंत्री क्यारीकोस मित्सोटाकिस ने आवश्यक न्यूनतम निवेश को 500,000 तक बढ़ाने की योजना की घोषणा की। फिर भी, उन्होंने समय सीमा या संभावित क्षेत्रों को निर्दिष्ट नहीं किया है जो इस परिवर्तन से प्रभावित हो सकते हैं।

मूसेवाला केसः गोल्डी कैलिफोर्निया में अरेस्ट, मान बोले- खत्म होगा गन मैं कनाडा के शेयर कहां से खरीद सकता हूं कल्चर

मूसेवाला केसः गोल्डी कैलिफोर्निया में अरेस्ट, मान बोले- खत्म होगा गन कल्चर

पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के हत्याकांड मामले में बड़ी कामयाबी मिली है. मूसेवाला हत्याकांड के मैं कनाडा के शेयर कहां से खरीद सकता हूं मुख्य आरोपियों में शामिल गोल्डी बराड़ के अमेरिका में पकड़े जाने की खबर है. खुफिया सूत्रों के मुताबिक आरोपी गोल्डी को कैलिफोर्निया शहर में डिटेन किया गया है. इंटरनेशनल सोर्स से भारत की खुफिया एजेंसियों को अहम जानकारी मिली है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत मान ने गोल्डी के पकड़े जाने को लेकर कहा कि गोल्डी बराड़ को अमेरिका में डिटेन किया गया है. यह कन्फर्म न्यूज है. हेड आफ द स्टेट के तौर पर मैं कह रहा हूं कि बहुत जल्द गैंगस्टर कल्चर खत्म होगा.

कनाडा में गोल्डी बराड़ को जान मैं कनाडा के शेयर कहां से खरीद सकता हूं का खतरा

दूसरी ओर, खुफिया विभाग रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ), इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी), दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और पंजाब इंटेलिजेंस को इस तरह के इनपुट्स जरूर मिले है कि कैलिफोर्निया में गोल्डी बराड़ को लेकर बड़ी हलचल हुई है और उसे वहां पर लोकेट कर पकड़ा गया है.

कुख्यात और इंटरनेशनल गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने कैलिफोर्निया के शहर सैक्रामेंटो, फ्रीजो (FRIZOW), और साल्ट लेक को अपना सेफ हाउस बनाया हुआ था. फिलहाल गोल्डी बराड़ कैलिफोर्निया के फ्रेंस्को सिटी में रह रहा था.

पेशे से ट्रक ड्राइवर गोल्डी बराड़ को कनाडा में जबरदस्त खतरा महसूस हो रहा था उसके पीछे एक वजह यह भी थी कि कनाडा में पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की बड़ी संख्या में फैंस मौजूद हैं. इनके अलावा बमबीहा गैंग के तमाम बड़े गैंगस्टर और लॉरेस बिश्नोई भी गोल्डी बराड़ के दर्जनों दुश्मनों में शामिल है.

कैलिफोर्निया में राजनीतिक शरण की कोशिश

गोल्डी बराड़ ने कैलिफोर्निया में सैक्रामेंटो सिटी (Sacramento City) में कानूनी मदद के जरिये राजनीतिक शरण की अपील लगाने की कोशिश की है ताकि वो पकड़े जाने पर भारत न जा पाए. इसके लिए गोल्डी बराड़ ने दो कानूनी जानकारों से भी मदद लेनी चाही है जिसमें एक वकील को जब गोल्डी के अपराधिक बैकग्राउंड पता चला तो उसका केस लड़ने से मना कर दिया था. फिर इसके बाद उसने एक अन्य वकील की मदद ली.

दूसरे देश में राजनीतिक शरण तब लगाई जाती है जब आप यह दिखाने की कोशिश करे कि आप जिस देश के रहने वाले है वहां आप पर जुल्म हुआ और वहां पर आप को न्याय नहीं मिल पाएगा.

सुरक्षा मैं कनाडा के शेयर कहां से खरीद सकता हूं एजेंसियों के मुताबिक गोल्डी बराड़ का यह एक पैतरा था जिससे वो भारत वापस न आ सके, और इसके लिए अगर गोल्डी कैलिफोर्निया में कोई छोटा मोटा अपराध भी कर देता है तो जब तक उस अपराध की सुनवाई पूरी नहीं होती गोल्डी वहां पकड़े जाने के बाद भी भारत डिपोर्ट या प्रत्यर्पण से बच सकता है. यह पैतरा इसके पहले भी कई अपराधी गैंगस्टर आतंकी दूसरे देशों में अपनाते आए हैं ताकि डिपोर्ट या प्रत्यर्पण से बच सकें.

किस विषय पर प्रवचन देते थे ओशो

ओशो पारंपरिक संतों से अलग थे। वह किसी धार्मिक ग्रंथ का पाठ नहीं करवाते थे। न ही पूजा-पाठ या धार्मिक कर्मकांड करवात थे। बल्कि वह तो, खुद प्रचलित धर्मों के खिलाफ बोलते थे। वह कहते थे, ”हां, मैं सभी तथाकथित धर्मों के खिलाफ हूं क्योंकि वे धर्म हैं ही नहीं। मैं धर्म के लिए हूं लेकिन धर्मों के लिए नहीं। सच्चा धर्म केवल विज्ञान की तरह एक ही हो सकता है। आपके पास मुसलमान फिजिक्स, हिंदू फिजिक्स, ईसाई फिजिक्स नहीं हो सकता; यह बकवास होगा। लेकिन धर्मों ने यही किया है – उन्होंने पूरी पृथ्वी को पागलखाना बना दिया है।”

ओशो के प्रवचन के विषय बिलकुल अलग हुआ करते थे, वह प्रेम, काम, रिलेशनशिपस पर बोलते थे। उनके विचारों की एक संकलन ‘सम्भोग से समाधि की ओर’ को आज भी विवादित माना जाता है।

Hair Care: सफेद बालों से परेशान हैं तो आंवला का करें नैचुरल डाई बनाने में इस्तेमाल, जानिए कैसे करें तैयार

जब अमेरिका में ‘रजनीशपुरम’ की उठी मांग

भारत में ठीक-ठाक प्रसिद्धि हासिल कर लेने के बाद ओशो को साल 1981 में स्वास्थ्य खराब के कारण चिकित्सकों के परामर्श पर अमेरिका जाना पड़ा। वहां वह साल 1985 में अमेरिकी सरकार द्वारा निकाले जाने तक रहे। उनके अमेरिका पहुंचते ही तो, उनके शिष्यों ने ओरेगॉन मैं कनाडा के शेयर कहां से खरीद सकता हूं राज्य में 64000 एकड़ जमीन खरीद लिया। उसी जमीन पर आश्रम बनाकर ओशो को रहने के लिए बुलाया गया। उस रेगिस्तानी इलाके में ओशो अपने 5000 अनुयायियों के साथ रहा करते थे। देखते ही देखते आश्रम कई कॉलोनियों में बदल गया।

उनका अमेरिका प्रवास बेहद विवादास्पद रहा। एक वक्त ऐसा भी आया, जब ओशो के शिष्य उनके आश्रम को रजनीशपुरम नाम से एक शहर के तौर पर रजिस्टर्ड कराने पहुंच गए। हालांकि स्थानीय लोगों के विरोध के मैं कनाडा के शेयर कहां से खरीद सकता हूं कारण ऐसा हो नहीं पाया।

अमेरिका से क्यों निकाले गए ओशो

ओशों के अनुयायियों की बढ़ती संख्या और विचारों से वह अमेरिकी सरकार के नजर में आ गए थे। साल 1985 के अक्टूबर माह में अमेरिकी सरकार ने ओशो पर अप्रवास नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया। उन पर 35 मामले बने। पुलिस हिरासत में भी लिए गए। साथ ही चार लाख अमेरिकी डॉलर का जुर्माना भी देना पड़ा। उन्हें देश छोड़ने और 5 साल तक वापस ना आने का आदेश दिया गया। 14 नवंबर 1985 को ओशो अमेरिका से निकलकर भारत पहुंचे।

फरवरी 1986 में ओशो दुनिया घूमने के इरादे से निकले थे। लेकिन अमेरिका के दबाव के कारण उनका विश्व भ्रमण अधूरा रह गया। दरअसल अमेरिका के दबाव में 21 देशों ने उन्हें या तो देश से निष्कासित कर दिया या घुसने ही नहीं दिया। उन देशों में ग्रीस, इटली, स्विटजरलैंड, स्वीडन, ग्रेट ब्रिटेन, पश्चिम जर्मनी, कनाडा और स्पेन शामिल थे।

पढें विशेष (Jansattaspecial News) खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News)के लिए डाउनलोड करें Hindi News App.

रेटिंग: 4.21
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 336