क्रिप्टोकरेंसी के लिए फिलहाल भारत में कोई कानून नहीं है।

डिजिटल रुपये को पर्स में नहीं तो कहां रख पाउंगा? क्या अकाउंट में ब्याज भी मिलेगा? जानिए ऐसे ही डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं? सवालों के जवाब

Digital rupee India price latest- 1 दिसंबर से आरबीआई डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च करने जा रहा है. इस पर कई लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं. इसमें सबसे बड़ा सवाल क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भी है. आइए आपको बताते हैं.

डिजिटल रुपये से लेनदेन 1 दिसंबर से हकीकत बन जाएगा. रिजर्व बैंक के मुताबिक, सीबीडीसी यानि केंद्रीय बैंक डिजिटल रुपये में जारी एक लीगल टेंडर करेंसी होगी. आप इसे आसान भाषा में ऐसे समझ सकते हैं कि भारतीय रुपये और सीबीडीसी में डिजिटल रुपये में कोई फर्क नहीं है. ब्लॉकचेन सपोर्टेड वॉलेट के जरिए डिजिटल फिएट मुद्रा या सीबीडीसी का ट्रांजेक्शन किया जा सकता है.आइए आपको विस्तार से इसके बारे में बताते हैं.

जवाब- यह पायलट प्रॉजेक्ट कुछ चुनिंदा जगहों पर ही होगा. डिजिटल रुपये के रिटेल उपयोग के इस परीक्षण में एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और प आईडीएफसी फर्स्ट बैंक शामिल होंगे. जा सकेगा. पहले चरण में यह परीक्षण दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में किया हत जाएगा.' ग्राहक डिजिटल रुपयों का लेनदेन डिजिटल वॉलेट के जरिए कर सकेंगे.

जवाब-पेपर नोट को बैंक में रखने पर ब्याज मिलता है, लेकिन रिटेल डिजिटल रुपये पर ग्राहकों को कोई भी ब्याज नहीं मिलेगा. हालांकि, बैंक में जमा कराने पर इस पर ब्याज मिलेगा. रिटेल डिजिटल रुपये आरबीआई बैंकों को बतौर टोकन जारी करेगा.

जवाब-डिजिटल रुपया आरबीआई की तरफ से बैंकों को दिया जाएगा, तो यह लीगल टेंडर होगा. पेपर नोट के मुकाबले यह रखने के लिहाज से भी अधिक सेफ होगा.

जवाब-यह बिल्कुल पेपर के नोट जैसे आकार में ही डिजिटल रुपया जारी करेंगे. इसे रखने के लिए बैंक ही ग्राहकों को डिजिटल वॉलेट मुहैया कराएंगे, जिसे मोबाइल फोन या अन्य डिवाइस में स्टोर किया भी अधिक सुरक्षित होगा.

जवाब-नहीं, यह क्रिप्टोकरंसी की तरह नहीं है, क्योंकि क्रिप्टोकरंसी का मूल्य हमेशा घटता-बढ़ता रहता है जबकि डिजिटल रुपये में ऐसा कुछ नहीं होगा.

RBI Digital Currency, आरबीआई द्वारा ई रुपए का पायलट प्रोजेक्ट के क्या उद्देश्य हैं, जाने विस्तार से

RBI Digital Currency: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 7 अक्टूबर को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी पर कॉन्सेप्ट नोट सामान्य रूप से सीबीडीसी और डिजिटल रुपए की नियोजित विशेषताओं डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं? के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए जारी किया गया है। आरबीआई जल्द ही विशिष्ट उपयोगों के लिए ई-रुपए के इस्तेमाल के लिए एक पायलट रन करने वाली है। अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download here

पायलेट प्रोजेक्ट का उद्देश्य


इससे भारत के डिजिटल अर्थव्यवस्था को एक नई मजबूती मिलेगी, साथ ही पेमेंट सिस्टम को और अधिक सक्षम बनाया जा सकेगा। इस पायलट का एक और मकसद यह भी है कि इससे मनी लॉन्ड्री के मामले को रोकने में सहायता मिलेगी। आरबीआई कुछ समय के लिए सीबीडीसी के फायदे और नुकसान के बारे में आकलन करेगी। इस आधार पर इसके डिजाइन और अन्य मामलों में बदलाव किया जाएगा।

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बैंक के माध्यम से इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। ई-रूपया के बाद लोगों को नगद रुपए की आवश्यकता नहीं होगी। यह भी मोबाइल वॉलेट की तरह ही काम करेगी जो कि एक कानूनी मुद्रा होगी। Free Daily Current Affair Quiz-Attempt Now with exciting prize

आरबीआई पायलेट प्रोजेक्ट

आरबीआई ने थोक खंड में डिजिटल रुपए की पायलट प्रोजेक्ट शुरू की भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आज थोक खंड में डिजिटल रुपए की पायलट प्रोजेक्ट को शुरू करेगा। सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीय बाजार लेनदेन के निपटान के लिए डिजिटल रुपए के उपयोग किया जाएगा। आरबीआई ने एक बयान में कहा है कि रुपए के उपयोग से अंतर बैंकबाजार को और अधिक कुशल और योग्य बनाने की उम्मीद है। केंद्रीय बैंक के पास पैसे में निपटान की गारंटी, बुनियादी ढांचे की आवश्यकता को पूर्व खाली करके या निपटान के जोखिमों को कम करने के लिए समपार्श्विक के लिए लेनदेन के लागत को कम करेगा।


इन 9 बैंकों ने पायलेट प्रोजेक्ट में भाग लिया है


आरबीआई ने डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं? यह भी कहा है कि इस पायलट प्रोजेक्ट से मिली सीक के आधार पर अन्य थोक लेनदेन और सीमा पार से भुगतान भविष्य के पायलट प्रोजेक्ट पर फोकस करेगा।

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पायलट में भाग लेने के लिए 9 बैंक भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, एचएसबीसी की पहचान की गई है। रिटेल खंड में डिजिटल रुपए के पहले प्रायोगिक उपयोग को कस्टमर और व्यापारियों के बंद यूजर्स समूह में चुनिंदा स्थानों में 1 महीने के भीतर लांच करने की योजना बनाई गई है।

बजट सेशन के दौरान की थी घोषणा


इस साल बजट सेशन के दौरान वित्त मंत्री निर्माण निर्मला सीतारमण ने आरबीआई द्वारा डिजिटल करेंसी नोट्स को लांच करने की घोषणा पहले ही कर दी थी। सीबीडीसी करेंसी नोट के डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में भारत सरकार ने आम बजट में 2022 - 23 से पेश करने की घोषणा कर दी है। आरबीआई ने ड्राफ्ट नोट जारी किया है। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इस ऐप से करें फ्री में प्रिपरेशन - Safalta Application

आरबीआई ने जारी किया ड्राफ्ट नोट


आरबीआई द्वारा जारी किए गए ड्राफ्ट नोट के मुताबिक सीबीडीसी के लिए पायलेट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा इसमें अलग-अलग उम्र और फील्ड के लोग शामिल होंगे। पायलट प्रोजेक्ट से मिले नतीजों के आधार पर डिजिटल रुपये की लॉन्चिंग की जाएगी आरबीआई की ओर से जारी इस कांसेप्ट के अनुसार रीटेल और होलसेल के अलग-अलग सीबीडीसी जारी की जा सकती है।

Cryptocurrency और digital Currency में क्या अन्तर है ?

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं Cryptocurrency और digital Currency में क्या अन्तर है ? और कैसे काम करती है इसको देश मे किस प्रकार से देखा जा रहा है। दोस्तों आये दिन हम Crypto currency के बारे में चर्चा करते रहते है और Crypto currency पर कई सारे नियम भी बनाये जा रहे कई देश इसको लीगल मैन रहे हैं तो कई देश इसको लीगल मानने को तैयार नही है।

इंडिया में भी Cryptocurrency पर काफी बिबाद देखने को मिला है। इंडिया में Crypto currency को करेंसी नही मन जा रहा है और इंडिया में इसको वर्चुअल डिजिटल एसेट का नाम दिया जा रहा है। आज के इस आर्टिकल में हम इन्हीं सब चीजों के बारे में चर्चा करने वाले हैं। दोस्तों क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों का मानना है कि यदि डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं? सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाती है तो इसका सीधा सा मतलब यह है कि क्रिप्टोकरेंसी को भारत में बैन नही किया जायेगा परन्तु इसका इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि इसे कानूनी वैद्यता प्राप्त हो जाएगी।

Cryptocurrency क्या है?

Cryptocurrency भी एक डिजिटल currency की तरह ही होती है जो कि world wide काम करती है Crypto currency Decenterlalized System पर कार्य करती है जिसका मतलब यह है कि crypto currency पर किसी भी देश का या फिर किसी भी ऐजेंसी का कोई कंट्रोल नही होता है और Crypto currency पर किसी भी देश या राष्ट्र की अर्थव्यवस्था से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

यह कोड और पासवर्ड के द्वारा इनक्रिप्टेड होती है जिससे इसको कंट्रोल करने बहुत मुश्किल है यह ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर आधारित है इसलिए यब किसी एक सर्वर पर स्टोर नही होती है इसको मल्टीपल सर्वर पर स्टोर किया जाता है। Cryptocurrency ब्लोकचेन टेक्नोलॉजी पर कार्य करने वाली एक virtual currency है और Cryptography के द्वारा इसके Transactions के रिकॉर्ड रखे जाते हैं।

Cryptocurrency के उदाहरण

  • Bitcoin
  • Yearn finance
  • Ethereum
  • Maker
  • Bitcoin cash
  • Binance coin
  • Compound
  • Doge
  • Litecoin
  • Ripple

digital Currency क्या है?

सबसे पहले समझते हैं कि डिजिटल करेंसी होती क्या है तो दोस्तों डिजिटल करेंसी RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) द्वारा जारी की गई डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं? मुद्रा का इलेक्ट्रॉनिक रूप है यह सिर्फ डिजिटल वॉलेट में स्टोर होती है, इसका कोई फिजिकल रूप नहीं होता है। डिजिटल करेंसी को आप सिर्फ अपने वॉलेट में रख सकते हैं, कही पर भी पेमेंट कर सकते हैं, किसी को ट्रांसफर कर सकते हैं परन्तु आप इसको बैंक में नही ले सकते हैं क्योंकि RBI डिजिटल करेंसी के मूल्य की कीमत के फिजिकल करेंसी नही छापेगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट 2022 – 23 के दौरान घोषणा की और बताया की (Digital Assets) डिजिटल पर भारत मे अब 30 प्रतिशत का टैक्स देना होगा, जिसमे Cryptocurrency और NFT शामिल हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी घोषणा की है की RBI (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) जल्दी ही अपनी डिजिटल मुद्रा को लांच करने वाला है। जिसको (CBDC) सेंट्रल बैंक digital currency कहा जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक अगले वित्तीय वर्ष तक डिजिटल करेंसी को लांच किया जा सकता है जिसपर काफी तेजी से कम चल रहा है।

digital Currency के फायदे

आने वाले समय में डिजिटल करेंसी का उपयोग बहुत अधिक बढ़ जाएगा और हमारी इस लाइफ में डिजिटल करेंसी के कई सारे फायदे जो कि निम्नलिखित हैं-

  1. डिजिटल करेंसी के अधिक उपयोग से कैशलेस पेमेंट को बढ़ाबा मिलेगा जिससे कागज की खपत में कमी आएगी।
  2. डिज़िटल करेंसी के उपयोग से ट्रांजेक्शन में ट्रांसपरेंसी आएगी और टैक्स की चोरी को रोक जा सकेगा।
  3. डिजिटल करेंसी के उपयोग से महामारी के समय इंफेक्शन से बचे रहेंगे।
  4. डिजिटल करेंसी के उपयोग में आने से करेंसी छापने की कॉस्ट में बचत होगी।

digital Currency के उदाहरण

दोस्तों यदि हम बात करें डिजिटल करेंसी के उदाहरण की तो डिजिटल करेंसी का उपयोग वॉलेट कैश के रूप में होता है जैसे कि आपके Paytm वॉलेट में उपस्थित पैसा, phonepe वॉलेट में उपस्थित पैसे, amazon pay में उपस्थित पैसे या फिर किसी भी वॉलेट में उपस्थित पैसे डिजिटल करेंसी के रूप में होते हैं, उनसे आप कोई भी सर्विस ले सकते हैं यह पैसा आप हर प्रकार से यूज़ कर सकते हैं परन्तु फिजिकल रूप में प्राप्त नहीं कर सकते हैं।

Cryptocurrency और digital Currency में क्या अन्तर है

Cryptocurrency और digital Currency में क्या अन्तर है

दोस्तों यदि हम बात करे Cryptocurrency और digital Currency में क्या अंतर है तो इसका सबसे बड़ा अंतर यह है कि Cryptocurrency पूरी तरह से decentralized system पर कार्य करती है जिस कारण इसपर किसी भी देश या एजेंसी का कंट्रोल नहीं होता है जबकि digital Currency पूरी तरह से Centerlized system पर कार्य करती है और यह किसी भी देश या सेंट्रल एजेंसी के कंट्रोल में होती है।

इसका दूसरा अंतर यह है कि Crypto currency का डेटा ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के अलग अलग सर्वर पर स्टोर होता है जबकि digital Currency का डेटा गवर्मेन्ट सर्वर पर स्टोर होता है। Crypto currency इनक्रिप्टेड रहती है जबकि digital Currency इनक्रिप्टेड नही होती है।


Difference between Cryptocurrency and digital Currency in hindi

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कल से बड़ा बदलाव; जेब में नोट रखने का जमाना गया, आम आदमी के पास अब डिजिटल रुपया

कल यानी पहली दिसंबर से देश में नया बदलाव देखने को मिलेगा। जी हां, भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने डिजिटल मुद्रा- ‘डिजिटल रुपया’ को लेकर बड़ा ऐलान किया है। आरबीआई ने कहा है कि वह पहली दिसंबर को खुदरा डिजिटल रुपए के लिए पहली खेप लांच करेगी।

यह एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा। यह कानूनी निविदाओं का प्रतिनिधित्व भी करेगा। आरबीआई ने यह भी बताया कि डिजिटल रुपया उसी मूल्यवर्ग में जारी किया जाएगा, जिसमें वर्तमान में कागजी मुद्रा और सिक्के जारी किए जाते हैं। यह बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा। इसके उपयोगकर्ता बैंकों की ओर से उपलब्ध कराए गए ऐप के जरिए इसे खरीद सकेंगे और अपने मोबाइल फोन में सुरक्षित कर सकेंगे।

इसमें व्यक्ति से व्यक्ति और व्यक्ति व व्यापारियों के बीच लेन-देन किया जा सकेगा। मर्चेंट् स्टोर पर लगे क्यूआर कोड का उपयोग करके व्यापारियों को भुगतान किया जा सकेगा। रिटेल डिजिटल रुपए के पहले चरण के पायलट प्रोजेक्ट में चार बैंक शामिल होंगे। इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फस्र्ट बैंक शामिल हैं। दूसरे चरण के पायलट प्रोजेक्ट में बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक व कोटक महिंद्रा बैंक शामिल रहेंगे। अगर यह व्यवस्था कारगर रही तो नोटो कों छापने वाला पैसा जनता के लिए बनाई जा रही अन्य योजनाओं नें लगाया जाएगा। नोटों की छपाई जल्द ही बीते समय की बात होगी और जनता कैशलेस की ओर बढ़ेगी।

जी हां, भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने डिजिटल मुद्रा- ‘डिजिटल रुपया’ को लेकर बड़ा ऐलान किया है। आरबीआई ने कहा है कि वह पहली दिसंबर को खुदरा डिजिटल रुपए के लिए पहली खेप लांच करेगी। यह एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा। यह कानूनी निविदाओं का प्रतिनिधित्व भी करेगा। आरबीआई ने यह भी बताया कि डिजिटल रुपया उसी मूल्यवर्ग में जारी किया जाएगा, जिसमें वर्तमान में कागजी मुद्रा और सिक्के जारी किए जाते हैं।

Cryptocurrency में निवेश का बना लिया है मन तो Crypto 101 के बारे में जान डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं? लें सबकुछ, वरना हो सकती है दिक्कत!

बिटकॉइन सबसे अधिक कारोबार वाली क्रिप्टोकरेंसी है जिसके बारे में हर कोई जानता है और बात करता है, लेकिन यह एकमात्र तरह की क्रिप्टोकरेंसी नहीं है। लिटकोइन, पोलकाडॉट, चेनलिंक, मूनकॉइन, शिबा इनु, डॉगकॉइन आदि भी क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं।

Cryptocurrency में निवेश का बना लिया है मन तो Crypto 101 के बारे में जान लें सबकुछ, वरना हो सकती है दिक्कत!

क्रिप्टोकरेंसी के लिए फिलहाल भारत में कोई कानून नहीं है।

महब कुरैशी. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जिसकी सबसे बड़ी वजह है कि, इसमें शेयर बाजार के विपरीत तेजी से उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। ऐसे में बहुत से लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करके बड़ा लाभ कमाया है। वहीं जिन लोगों ने अभी तक इसमें कभी निवेश नहीं किया है। अब वह भी बिटकॉइन, डॉगकोइन और एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहते हैं। आपको बता दें क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत हुए अभी केवल 10 साल ही पूरे हुए है। लेकिन इसके बावजूद इसमें लोगों की रूचि दिन दूनी रात चौगनी बढ़ रही है। ऐसे में अगर आप भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं। तो आपको इस खबर को पूरा पढ़ना चाहिए। डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं? क्योंकि इसके बिना आपको तकड़ा नुकसान हो सकता है।

क्रिप्टोकरेंसी क्या हैं?
क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल संपत्ति हैं- जिनका उपयोग आप निवेश के रूप में और यहां तक ​​कि ऑनलाइन खरीदारी के लिए भी कर सकते हैं। यह क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित है, जिससे नकली या दोहरा खर्च करना लगभग असंभव हो जाता है। लेकिन यहां पर ये ध्यान देने वाली बात है डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं? कि, क्रिप्टोकरेंसी भौतिक रूप से मौजूद नहीं है, जिसका अर्थ है कि आप एक बिटकॉइन नहीं उठा सकते हैं और इसे अपने हाथ में पकड़ सकते हैं। और भारतीय रुपये के विपरीत, कोई केंद्रीय प्राधिकरण नहीं है जो क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य को बनाए रखता है।

इसके अलावा, क्रिप्टोक्यूरेंसी के प्रत्येक सिक्के में प्रोग्राम या कोड की एक अनूठी लाइन होती है। इसका मतलब है कि इसे कॉपी नहीं किया जा सकता है, जिससे उन्हें ट्रैक करना और पहचानना आसान हो जाता है।

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यह कैसे काम करती है?
क्रिप्टोकरेंसी को सरकार जैसे केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा समर्थित नहीं किया जाता है। इसके बजाय, ये कंप्यूटर की एक श्रृंखला में चलते हैं। यह बिना किसी बिचौलिए के वेब पर पीयर-टू-पीयर से एक्सचेंज किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी का विकेंद्रीकरण किया जाता है – जिसका मतलब है कि कोई भी सरकार या बैंक यह प्रबंधित नहीं करता है कि वे कैसे बने हैं, उनका मूल्य क्या है, या उनका आदान-प्रदान कैसे किया जाएगा। सभी क्रिप्टो लेनदेन क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित हैं – जिसका अर्थ है कि यह केवल बेचने वाले और खरीदने वाले को इसकी सामग्री देखने की अनुमति होती है।

आप क्रिप्टोकरेंसी को कैसे स्टोर कर सकते हैं?
क्रिप्टोकरेंसी को ऑनलाइन ‘वॉलेट’ में स्टोर किया जा सकता है, जिसे आपकी ‘private key’ के यूज से एक्सेस किया जा सकता है। अगर इसे समझा जाए तो एक सुपर-सुरक्षित पासवर्ड के बिना क्रिप्टो को एक्सचेंज नहीं किया जा सकता।

किस प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद है?
बिटकॉइन सबसे अधिक कारोबार वाली क्रिप्टोकरेंसी है जिसके बारे में हर कोई जानता है और बात करता है, लेकिन यह एकमात्र तरह की क्रिप्टोकरेंसी नहीं है। लिटकोइन, पोलकाडॉट, चेनलिंक, मूनकॉइन, शिबा इनु, डॉगकॉइन आदि भी क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं। कॉइनमार्केट कैप के अनुसार, वर्तमान में 6,000 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं।

क्रिप्टो कैसे खरीदें और बेचें?
इस सवाल का जवाब भी अब आसान हो गया है। बढ़ती लोकप्रियता के चलते अब बाजार में ढेरो क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स हैं। ऐसे में देश में Bitcoin और Dogecoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को खरीदना और बेचना काफी आसान है। पॉपुलर प्लेटफॉर्म्स में WazirX, Zebpay, Coinswitch Kuber और CoinDCX GO के नाम शामिल हैं। इन्वेस्टर्स Coinbase और Binance जैसे इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म्स से Bitcoin, Dogecoin और Ethereum जैसी दूसरी क्रिप्टोकरेंसी भी खरीद सकते हैं।

सबसे खास बात यह है कि खरीदारी के ये सभी प्लेटफॉर्म चौबीसों घंटे खुले रहते हैं। क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया भी काफी आसान है। आपको केवल इन प्लेटफॉर्म्स पर साइन अप करना होगा। इसके बाद अपना KYC प्रोसेस पूरा कर वॉलेट में मनी ट्रांसफर करना होगा। इसके बाद आप खरीदारी कर पाएंगे।

क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार का रूख क्या है?

फिलहाल, भारत में क्रिप्टोकरेंसी को कवर करने वाली कोई कानून नहीं है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि क्रिप्टोकरेंसी का मालिक होना अवैध है। इस बीच, भारत को अभी तक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 के क्रिप्टोक्यूरेंसी और विनियमन को प्रस्तुत करना बाकी है, जो “आधिकारिक डिजिटल मुद्रा” के शुभारंभ के लिए नियामक ढांचा तैयार करेगा, इसे संसद के बजट सत्र में पेश किया जाना था, लेकिन हितधारकों के साथ चर्चा के चलते इसे टाल दिया गया। आपको बता दें अब तक, केवल कुछ देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी तौर पर स्वीकार किया है और यह सूची काफी छोटी है।

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