Investing vs. Trading

स्टॉक इंडीसीज की गाइड और उन्हें कैसे ट्रेड करें

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फॉरेक्स टाइम लिमिटेड (www.forextime.com/eu) साइप्रस प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग द्वारा विनियमित है, जिसका CIF लाइसेंस नंबर है 185/12, तथा यह दक्षिण अफ्रीका के फाइनेंशियल सेक्टर कंडक्ट अथॉरिटी (FSCA) द्वारा लाइसेंस प्राप्त है और इसका FSP नंबर 46614 है। यह कंपनी यू‍के के फाइनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी के साथ रजिस्टर्ड है, जिसका नंबर 600475 है।

ForexTime (www.forextime.com/uk) फाईनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी द्वारा लाइसेंस नंबर 777911 के अंतर्गत अधिकृत और विनियमित है।

Exinity Limited (www.forextime.com) मॉरीशस गणराज्य के वित्तीय सेवा आयोग द्वारा विनियमित निवेश डीलर है, जिसकी लाइसेंस संख्या C113012295 है।

कार्ड ट्रांजेक्‍शन एफटी ग्लोबल सर्विसेज लिमिटेड, रजिस्‍टर्ड नंबर HE 335426 और रजिस्‍टर्ड पता Ioannis Stylianou, 6, Floor 2, Flat 202 2003, Nicosia, Cyprus के माध्यम से प्रोसेस किए जाते हैं। कार्डधारक के पत्राचार के लिए पता: [email protected] व्‍यवसाय के स्थान का पता: FXTM Tower, 35 Lamprou Konstantara, Kato Polemidia, 4156, Limassol, Cyprus.

Exinity Limited वित्‍तीय फाईनेंशियल कमीशन का सदस्‍य है,जो फॉरेक्‍स मार्केट की फाइनेंशियल सर्विसेज इंडस्‍ट्री में विवादों का निपटारा करने वाला अंतर्राष्‍ट्रीय संगठन है।

जोखिम चेतावनी: फोरेक्‍स और लिवरेज किए गए वित्‍तीय इंस्‍ट्रूमेंट की ट्रेडिंग में महत्‍वपूर्ण जोखिम हैं और इससे आपकी निवेश की गई पूंजी का नुकसान हो सकता है। आप कॉपी ट्रेडिंग का क्या मतलब है जितनी हानि उठाने की क्षमता रखते हैं उससे अधिक का निवेश न करें और आपको इसमें शामिल जोखिम अच्‍छी तरह समझना सुनिश्चित करना चाहिए। लेवरिज्ड प्रोडक्‍ट की ट्रेडिंग सभी निवेशकों के लिए उपयुक्‍त नहीं हो सकती। ट्रेडिंग शुरु करने से पूर्व, कृपया अपने अनुभव का स्‍तर, निवेश उद्देश्‍य पर विचार करें और यदि आवश्‍यक हो तो स्‍वतंत्र वित्‍तीय सलाह प्राप्‍त करें। क्‍लायंट के निवास के देश में कानूनी अपेक्षाओं के आधार पर FXTM ब्रांड की सेवाओं का प्रयोग करने की अनुमति है अथवा नहीं, यह निर्धारित करना क्‍लायंट की स्‍वयं की जिम्‍मेदारी है। कृपया FXTM का पूरा जोखिम प्रकटीकरण पढ़ें.

क्षेत्रीय सीमाएं: एफएक्सटीएम ब्रांड यूएसए, मॉरीशस, जापान, कनाडा, हैती, सूरीनाम, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कोरिया, प्यूर्टो रिको, ब्राज़िल, साइप्रस और हांगकांग के अधिकृत क्षेत्र के निवासियों को सेवाएं प्रदान नहीं करता है। हमारे बारंबार पूछे जाने वाले प्रश्‍न(FAQ) खंड विनियम में अधिक जानकारी पाएं।

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जोखिम की चेतावनी: ट्रेडिंग जोखिम भरा है। आपकी पूंजी जोखिम में है। Exinity Limited FSC (मॉरीशस) द्वारा विनियमित है।

जोखिम की चेतावनी: ट्रेडिंग जोखिम भरा है। आपकी पूंजी जोखिम में है। Exinity Limited FSC (मॉरीशस) द्वारा विनियमित है।

इनसाइडर ट्रेडिंग पर और सख्त हुआ SEBI, पहली बार शुरू किया कंपनियों का फिजिकल इंस्पेक्शन

Insider Trading: इनसाइडर ट्रेडिंग को लेकर सेबी ने और सख्ती कर दी है. सख्ती के लिए सेबी ने एक नया नियम बनाया है, जिसके तहत अब कंपनियों का फिजिकल इंस्पेक्शन शुरू कर दिया गया है.

Insider Trading: कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी की तरफ से इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading) को और सख्त नियम लाए जा सकते हैं. सेबी की ओर से इनसाइडर ट्रेडिंग को लेकर सख्ती और बढ़ गई है. इनसाइडर ट्रेडिंग को रोकने के लिए सेबी ने एक बड़ा कदम उठाया है. ज़ी बिजनेस को मिली जानकारी के मुताबिक, आज तक इंटरमीडिएट्री और एक्सचेंजों का फिजिकल इंस्पेक्शन होता था लेकिन अब सेबी (SEBI) ने कंपनियों को भी फिजिकल इंस्पेक्शन करना शुरू कर दिया है. सेबी (Securities Exchange Board of India) ने पहली बार कंपनियों का फिजिकल इंस्पेक्शन करने का फैसला किया है.

इनसाइडर ट्रेडिंग को लेकर सेबी सख्त

2020 में सेबी एक नया रेगुलेशन लेकर आई थी, जिसनें UPSI सूचना को स्ट्रक्चर्ड डिजिटल डाटाबेस के तौर पर रखने की बात कही गई थी. अब स्ट्रक्चर्ड डिजिटल डाटाबेस (SDD) की जांच के लिए स्टॉक एक्सचेंजों को फिजिकल इंस्पेक्शन का निर्देश दिया गया है. अब सेबी की तरफ से BSE-NSE दोनों ही एक्सचेंजों को लगभग टॉप 200 कंपनियों के स्ट्रक्चर्ड डिजिटल डाटाबेस की जांच करने का आदेश दिया गया है और ये काम इस साल के दिसंबर महीने तक पूरा करना है.

🔸SEBI ने पहली बार कंपनियों का फिजिकल इंस्पेक्शन शुरू किया

🔸स्ट्रक्चर्ड डिजिटल डाटाबेस की जांच के लिए स्टॉक एक्सचेंजों को फिजिकल इंस्पेक्शन का निर्देश

मार्च तक 400 कपनियों की करनी है जांच

इसके अलावा टॉप 400 कंपनियों की जांच का टारगेट अगले साल मार्च महीने तक के लिए दिया गया है. बता कॉपी ट्रेडिंग का क्या मतलब है दें कि देश के एक बड़े होटल की जांच पहले ही हो चुकी है. बता दें कि इनसाइडर ट्रेडिंग पर रोक लगाने के लिए सेबी की ओर से ये कदम उठाया गया है.

सेबी ने क्यों लिया ये फैसला?

मार्केट रेगुलेटर सेबी ये जानना चाहता है कि कंपनियों की ओर से SDD कलेक्शन सही से हुआ है या नहीं. इसके लिए सेबी पहली बार कंपनियों का फिजिकल इंस्पेक्शन कर रहा है ताकि इनसाइडर ट्रेडिंग जैसे फ्रॉड पर रोक लगाई जा सके.

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SDD (स्ट्रक्चर्ड डिजिटल डाटाबेस) क्यों जरूरी?

सेबी की ओर से ये प्रक्रिया शुरू हो चुकी है क्योंकि दिसंबर तक टॉप 200 कंपनियों का फिजिकल इंस्पेक्शन करना है. बीएसई-एनएसई के अधिकारी ये काम कर रहे हैं. बता दें कि UPSI की सूचना जिसके साथ भी शेयर की जा रही है, उसका कॉपी ट्रेडिंग का क्या मतलब है एक डाटा रखना होता है. 2020 के रेगुलेशन को कंपनियां कितनी गंभीरता के साथ ले रही हैं, इस पर कंपनियों से बात करके ही जानकारी मिल सकती है.

UPSI मतलब अनपब्लिश्ड प्राइस सेंसेटिव इन्फॉर्मेशन. ऐसी सूचना, जो अभी तक पब्लिक डोमेन में नहीं आई है और ये कुछ ही लोगों को पता है. इतना ही नहीं ये सूचना प्राइस सेंसेटिव है, यानी कि इससे शेयर की कीमत पर असर पड़ सकता है.

शेयरों में निवेश शुरू करना चाहते हैं? जानिए कैसे खोलें डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट

अब आप फिजिकल डॉक्‍यूमेंट जमा किए बगैर ऑनलाइन ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं. शेयरों में निवेश के लिए इन्‍हें खुलवाना जरूरी है.

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डिजिटल फॉर्म भरें
पहले ब्रोकर की वेबसाइट पर जाएं. फिर अकाउंट खोलने का फॉर्म भरें. इसमें आपको नाम, पता, पैन और उस बैंक अकाउंट की डीटेल्‍स भरनी होंगी जिन्‍हें डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट से जोड़ना है. साथ ही सबसे उपयुक्‍त ब्रोकरेज प्‍लान को सेलेक्‍ट करने की जरूरत होती है.

डॉक्‍यूमेंट अपलोड करें
आधार, पैन, कैंसिल्‍ड चेक जैसे डॉक्‍यूमेंट की स्‍कैन कॉपी अपलोड करने की जरूरत पड़ती है. निवेशक की तस्‍वीर के साथ स्‍कैन किए हुए सिग्‍नेचर की भी जरूरत हो सकती है.

इन-पर्सन वेरिफिकेशन
इन-पर्सन वेरिफिकेशन ब्रोकर करते हैं. इसे डिजिटल कॉल या व्‍यक्ति की वीडियो रिकॉर्डिंग के माध्‍यम से किया कॉपी ट्रेडिंग का क्या मतलब है जाता है. इसके लिए निवेशकों को स्‍क्रीन पर दिए जाने वाले निर्देशों का पालन करने के लिए कहा जाता है.

आधार ई-वेरिफिकेशन
व्‍यक्ति अब दोबारा फॉर्म चेक करके उसे जमा कर सकता है. इस फॉर्म को ओटीपी के जरिये आधार ऑथेंटिकेशन प्रक्रिया का इस्‍तेमाल करते हुए इलेक्‍ट्रॉनिक तरीके से साइन किया जा सकता है. एक बार जमा की गई जानकारी, स्‍कैंन्‍ड दस्‍तावेज और आईपीवी हो जाने पर डीमैट और ट्रेडिंग कॉपी ट्रेडिंग का क्या मतलब है अकाउंट खुल जाता है. आप ट्रेडिंग अकाउंट में फंड ट्रांसफर कर सकते हैं और किसी अन्‍य डीमैट कॉपी ट्रेडिंग का क्या मतलब है अकाउंट में रखी गई प्रतिभूतियों को नए अकाउंट में ला सकते हैं.

किन बातों का रखें ध्‍यान
- कॉपी ट्रेडिंग का क्या मतलब है ब्रोकरेज फर्मों के अलग-अलग प्‍लानों का अध्‍ययन करें और तुलना करें कि कौन सबसे अच्‍छे रेट और सर्विस ऑफर कर रहा है.

- डिस्‍काउंट ब्रोकर्स के ब्रोकरेज चार्ज फुल सर्विस ब्रोकरों के मुकाबले कम होते कॉपी ट्रेडिंग का क्या मतलब है हैं. फुल सर्विस ब्रोकर्स तमाम तरह की ऐड-ऑन सर्विस भी देते हैं. इनमें एडवाइजरी, ट्रेडिंग प्‍लेटफॉर्म इत्‍यादि शामिल हैं.

इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.

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difference between investing and trading : investing और trading क्या अंतर है


What’s the Difference between Investing and Trading in hindi ?

Investing vs. Trading- इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग के बारे में जानने से पहले ये जानना जरुरी है की हम शेयर मार्किट में इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग बात कर रहे है अपने अक्सर शेयर मार्किट में 2 टर्म बहुत सुनी होगी या पढ़ी होगी इन्वेस्टमेंट एंड ट्रेडिंग . इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग दोनों शेयर मार्किट में काम करने के अलग अलग तरीके है

शेयर मार्किट में काम करने कॉपी ट्रेडिंग का क्या मतलब है का सभी का अपना तरीका होता है कोई लम्बे समय इंतज़ार करके कम जोखिम में ज्यादा पैसे कमाता है और कोई कम समय में जायदा जोखिम लेकर जायदा पैसे कमाने की कोशिश करता है

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Investing कॉपी ट्रेडिंग का क्या मतलब है vs. Trading

Investing

इंवेस्टिंग का मतलब ही लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट है जिसमे आप अपने पैसे किसी अच्छी फंडामेंटल कॉपी ट्रेडिंग का क्या मतलब है वाली कंपनी के शेयर में इन्वेस्ट करते है और 5-10 या उससे अधिक साल तक अच्छे रिटर्न का इंतज़ार करते है|

investing (Investing vs. Trading)में बहुत धैर्य की जरुरत होती है इसमें लम्बे समय तक आपको अपने पैसे को मार्किट के हवाले करना पड़ता .बस आपको कंपनी की हर साल की परफॉर्मन्स कॉपी ट्रेडिंग का क्या मतलब है पर नज़र रखना होगा |

अपने वारेन बुफेट के बारे सुना होगा वो 50 साल की उम्र में करोड़पति बने थे .एक बार बारेन बफेट से पूछा गया कि आपकी इन्वेस्टमेंट स्ट्रॅटजी इतनी सिंपल है लेकिन लोग इसे कॉपी करके अमीर क्यों नहीं बनते तब उन्होंने जबाब दिया कोई भी आदमी धीरे धीरे अमीर नहीं बनना चाहता |

Investing vs. Trading :-IF YOUR INVESTMENT STRATEGY IS SO SIMPLE WHY DONOT PEOPLE COPY IT AND BECOME RICH ? ANS –NOBODY WANT TO GET RICH SLOWLY

Investing vs. Trading


Investing vs. Trading

आज इंडिया में 90 % ट्रेडर्स अपना पैसा गवां देते है वही 90% इन्वेस्टर अपना पैसा डबल करते है .लेकिन इन्वेस्टमेंट में इयरली आपको 12% के आसपास सालाना रिटर्न मिलता है और ट्रेडिंग में आप मंथली 12 % का रिटर्न निकल सकते हो जो इयरली 144% होता है लेकिन इसमें रिस्क ज्यादा होती है

इन्वेस्टिंग में आपको बहुत सारे रिवॉर्ड मिलते है जैसे की डिविडेंड कपौडिंग ग्रोथ कैपिटल गेन आदि इन्वेस्टिंग एक passive income अच्छा सोर्स होता है जिसमे आपके कुछ किये बिना आपका पैसा ग्रो होता रहता है और इनकम के लिए डिविडेंड देता रहता है

Trading

Investing vs. Trading

Investing vs. Trading

ट्रेडिंग एके शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट इवेंट है ट्रेडिंग में आप किसी कंपनी का शेयर आज खरीद कर आज ही बेच देते है इसमें ट्रेडर को 1 दिन में ज्यादा प्रॉफिट चाहिए .ट्रेडिंग में जोखिम ज्यादा होता है इसमें आप रुझान के अनुसार काम करते है जैसे ही स्टॉक ऊपर की ओर जाता हे आप स्टॉक खरीद लेते है जिसके लिए आपको चार्ट और कुछ रिसर्च करना होता हे और उसके उपर नज़र रखना होता है .

Trading बहुत टाइप की होती है जैसे की

1.इंट्राडे ट्रेडिंग जिसमे स्टॉक को जिस दिन ख़रीदा उसी दिन बेचना होता है

2. स्विंग ट्रेडिंग जिसमे एक दिन से एक वीक तक होल्ड करते है .

3. पोजीशन ट्रेडिंग जिसमे स्टॉक को 1दिन से लेकर 1 साल तक होल्ड किया जाता है जो एक तरह का शार्ट टर्म इन्वेस्टमेंट होता है

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