ब्रांडिंग और विपणन सहायता
इस योजना के तहत एफपीओज/एसएचजीएस/सहकारी समितियों के समूहों और सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के एसपीवी को विपणन और ब्रांडिग सहायता प्रदान की जाएगी । इसके बाद में ओडीओपी दृष्टिकोण, विपणन और ब्रांडिंग केवल ऐसे ही उत्पाद को प्रदान की जाएगी जो राज्य या क्षेत्रीय स्तर पर हैं ।
योजना के तहत सहायता के लिए पात्र वस्तुऍं:-
1. योजना के तहत विपणन से संबंधित प्रशिक्षण, को पूर्ण वितपोषित किया जाएगा;
2. सामान्य पैकेजिंग में भाग लेने के लिए मानकीकरण सहित सामान्य ब्रांड और पैकेजिंग को विकसित व्यापार योजना और रणनीति करना;
3. राष्ट्रीय और क्षेत्रीय खुदरा मूल्यों तथा राज्य-स्तरीय संस्थानों के साथ विपणन टाई-अप;
4. उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आवश्यक मानकों को पूरा करना ।
विपणन और ब्रांडिग की सहायता के लिए सामान्य ब्रांड, सामान्य पैकेजिंग और उत्पाद मानकीकरण को विकसित करना जरूरी है । सामान्य ब्रांडिंग और पैकेजिंग के लिए उपयुक्त स्तर जगह से जगह, स्थिति से स्थिति और उत्पाद से उत्पाद से भिन्न होगी। प्रत्येक स्थिति में, चाहे यह जिला, क्षेत्रीय और राज्य स्तरीय होना चाहिए, संबंधित एसएनए द्वारा तय किया जाएगा। इसलिए विपणन और ब्रांडिंग की सहायता के लिए प्रस्ताव एसएनए द्वारा तैयार किया जाना चाहिए। ब्रांडिंग और विपणन के लिए सहायता को कुल खर्चे के 50 प्रतिशत तक सीमित कर देना चाहिए। ऐसे मामलों में अनुदान की अधिकतम सीमा निर्धारित रूप में होगी। इस योजना के तहत खुदरा केन्द्र खोलने क लिए कोई सहायता नहीं दी जाएगी।
राष्ट्रीय स्तर पर वर्टिकल उत्पादों को ब्रांडिंग और विपणन के लिए उसी प्रकार सहायता प्रदान की जाएगी जिस प्रकार ओडीओपी फोकस की प्रदान की गई थी। सामान्य ब्रांडिंग/पैकेजिंग और विपणन के लिए इस प्रकार की सहायता राष्ट्रीय स्तर पर प्रदान की जाएगी। उस सहायता के लिए प्रस्ताव राज्यों और राष्ट्रीय स्तर की संस्थानों या संगठनों या पार्टनर संस्थानों द्वारा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय को भेजा जाना चाहिए।
पात्रता मापदंड
प्रस्तावों को निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना चाहिए:-
1. प्रस्ताव ओडीओपी से संबंधित होना चाहिए।
2. सहायता के लिए पात्र बनने के लिए उत्पाद का न्यूनतम कारोबार 5 करोड़ रुपए होना चाहिए।
3 अंतिम उत्पाद एक खुदरा पैक में उपभोक्ता को बेचा जाना चाहिए।
4. बड़ी संख्या में उत्पादकों को एक साथ लाने के लिए आवेदक को एफपीओ/एसएचजी/सहकारी समितियां/क्षेत्रीय –राज्य स्तरों का एसपीवी होना चाहिए।
5. उत्पाद और उत्पादको को बड़े स्तर पर मापनीय होना चाहिए।
6. प्रस्ताव में संस्थाओं को बढ़ावा देने की प्रबंधन और उद्यमिता क्षमता स्थापित की जानी चाहिए।
ब्रांडिंग और विपणन के तहत सहायता प्राप्त करने हेतु आवेदन करने के लिए प्रक्रिया
विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करना:-
1. डीपीआर को प्रस्ताव, परियोजना का आवश्यक विवरण, उत्पाद रणनीति, गुणवत्ता, नियंत्रण, उत्पाद का एकत्रीकरण, सामान्य पैकेजिंग और ब्रांडिंग, मूल्य रणनीति, प्रचार विवरण वेयरहाऊसिंग तथा भंडारण विपणन माध्यम, ब्रिकी में वृद्धि हेतु योजनाएं इत्यादि के लिए तैयार होना चाहिए।
2. एसएनए से विपणन और ब्रांडिंग हेतु प्रस्तावों के लिए डीपीआर तैयार करने के लिए 5 लाख तक की सहायता उपलब्ध होगी।
3. प्रस्ताव में कच्चे माल की खरीद से लेकर विपणन तक महत्वपूर्ण नियंत्रण बिंदु, गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करने, प्रचार गतिविधियों के संदर्भ में पांच साल की योजना, भाग लेने वाले उत्पादकों की संख्या बढ़ाने और कारोबार करने व्यापार योजना और रणनीति के लिए गतिविधियों का एक प्रवाह चार्ट भी होना चाहिए।
व्यवसाय योजना के साथ समझौता होना चाहिए जो सहकारी समितियों, एसएचजी, एफपीओ, एसपीवी के बीच निष्पादित हो, मुख्य खरीदार यदि कोई हो और एसएनए जो उत्पादकों की पूंजी और सेवाओं की जरूरतों और प्रस्तावित सुधारों का वर्णन करेगा जो उन्हें अपने उत्पादन को उन्नयन करने की अनुमति देगा जो क्षमता और कौशल बाजार के साथ अपने संबंध को मजबूत करने के लिए है, जो प्रमुख खरीदार हैं।
कृषि व्यवसाय योजना में कृषि का कार्यकारी सारांश
हमारे अनुसंधान और विकास के साथ-साथ उत्पादन को पूर्णकालिक आधार पर वित्तपोषित करने के लिए, हमें दीर्घकालिक संपत्ति के रूप में नए उपकरणों में $35,000 निवेश करने की आवश्यकता है, जिससे हमारा कुल निवेश $53,800 हो जाएगा।
इस वजह से, हम अपने व्यवसाय में महत्वपूर्ण वृद्धि की तलाश कर रहे हैं जिसके लिए हमें किसी वित्तीय संस्थान या व्यक्ति से किसी भी प्रकार का ऋण लेने की आवश्यकता नहीं है।
बिक्री अनुमानों के अनुसार, यह दूसरे वर्ष के अंत तक कुल $190,000 लाएगा, और चौथे वर्ष के अंत तक यह संख्या बढ़कर $400,000 व्यापार योजना और रणनीति से अधिक हो जाएगी।
फंडिंग जो प्राप्त की जानी चाहिए।
चूंकि हमें अपने व्यापार से दस मिलियन डॉलर के राजस्व की आवश्यकता है, इसलिए हमारे पास एक नई रणनीति विकसित करने और अधिक लेजर केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
हम 35,000 डॉलर नकद का उपयोग करेंगे जो वर्तमान में हमारे व्यवसाय से उपलब्ध है।
एक फल कृषि व्यवसाय योजना का कार्यकारी सारांश
योजना द्वारा प्रस्तुत चुनौतियां
समस्या का समाधान करना होगा।
लोगों को ऐसी सब्जियां और खाद्य पदार्थ चाहिए जो उच्च पोषण मूल्य के साथ-साथ अच्छे स्वाद वाली सब्जियों से व्यापार योजना और रणनीति संबंधित हों।
मानक अमेरिकी भोजन को खुद पर शर्म आनी चाहिए।
अधिक वजन और मोटापे की व्यापकता चिंताजनक है।
हम जैविक, स्वादिष्ट और पौष्टिक सब्जियां उगाने के लिए वर्तमान और भविष्य की कृषि प्रौद्योगिकियों दोनों का उपयोग करते हैं।
हम खेत से शुरू करते हैं जैसा कि आज है और कस्टम, अत्याधुनिक उपकरणों का निर्माण करते हैं।
तब तक, हमने स्ट्रॉबेरी उत्पादन में बागवानी प्रथाओं को शामिल किया है, जो ओवरहेड के जलवायु-नियंत्रित हिस्से के दोहरे उपयोग को सक्षम करेगा।
बाजार, प्रतिस्पर्धी और वर्तमान में उपलब्ध संभावनाएं
दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण कृषि क्षेत्र अफ्रीका में स्थित हैं, खासकर नाइजीरिया और घाना जैसे देशों में।
इसके परिणामस्वरूप एक ऐसा वातावरण तैयार हुआ है जो प्रतिस्पर्धी है और इसमें बड़ी संख्या में उद्योग के खिलाड़ी हैं।
कुल मिलाकर मुनाफा कम है, और थोक व्यापारी अनुबंधों के लिए भयंकर प्रतिस्पर्धा है क्योंकि लगभग हर उत्पाद को एक वस्तु के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है, और बड़े खरीदारों के व्यक्तिगत किसानों की तुलना में एक-दूसरे के साथ मजबूत संबंध होते हैं।
प्रतिस्पर्धात्मक लाभ के लिये खतरे
प्रतिस्पर्धात्मक लाभ के लिए खतरा आम तौर पर निम्नलिखित तीन स्रोतों से उत्पन्न होता है:
घटिया किस्म की सब्जियों का आयात करना चाहिए।
मिसिसिपी पाउंड क्षेत्रीय वनस्पति उद्यानों में उगाए जाते हैं।
आसपास के क्षेत्र में तीन फार्म हैं जो व्यक्तिगत खरीदार बाजार हिस्सेदारी के लिए सीधी प्रतिस्पर्धा प्रदान करते हैं।
ये फ़ार्म एनिस्टन फ़ार्म, ऑर्गेनिक्स-टू-यू फ़ार्म और टेरेंस लिविंगस्टन वेजिटेबल फ़ार्म हैं।
इन प्रतिस्पर्धियों में से प्रत्येक को अपने प्राथमिक ग्राहकों के रूप में पड़ोस के किसानों के साथ दुकान स्थापित करने और अपने माल की बिक्री शुरू करने की आवश्यकता है।
हालांकि, उपभोक्ताओं को सीधे जैविक भोजन प्रदान करने वाले खेतों के अपवाद के साथ, अन्य में से कोई भी विशिष्ट बाजारों को लक्षित नहीं करता है और संघीय सरकार से सब्सिडी पर बहुत अधिक निर्भर करता है।
किसान समूह की रणनीति का उद्देश्य सब्जी व्यापार योजना और रणनीति की खेती में मौजूदा और उभरती कृषि प्रौद्योगिकियों के उपयोग को अधिकतम करना है।
सभी आवश्यक और अत्याधुनिक कस्टम-निर्मित मशीनरी के साथ एक स्थापित और लाभदायक सब्जी फार्म का अधिग्रहण, कंपनी को उद्योग में एक महत्वपूर्ण प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्रदान करेगा।
स्ट्रॉबेरी उत्पादन में बागवानी तकनीकों का बढ़ता उपयोग संरचना के शीर्ष पर स्थित जलवायु-नियंत्रित खंड के दोहरे उपयोग की अनुमति देगा।
उच्च उत्पादन क्षमता के साथ एक अतिरिक्त सुविधा के निर्माण की संभावना को छोड़कर, किसान समूह का इरादा उस पर्याप्त मात्रा में सद्भावना को भुनाने का है जो पहले से ही वर्तमान आपूर्ति और मांग में जुटाई गई है।
फ्यूचर-प्रूफिंग वेबसाइट्स उन लक्ष्यों में से एक है, जिन्हें कंपनी ने पहले साल के लिए खुद के लिए निर्धारित किया है।
हरी एकड़ सब्जी प्रणाली को स्थानांतरित, विस्तारित और उन्नत करने के बाद फिर से चालू किया गया है।
हरित संस्कृति को प्रणाली में शामिल किया जाना चाहिए।
खाद प्रणाली को अगले साल की व्यापार योजना और रणनीति शुरुआत में पूरी तरह से चालू करने की जरूरत है।
कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति उन उत्पाद लाइनों को बंद करना है जो सबसे कम लाभ उत्पन्न करती हैं और उन्हें उन लाइनों के साथ बदल देती हैं जो अधिक कार्यात्मक और किफायती हैं।
अगर आपको कृषि बिज़नेस का बिज़नेस शुरू करना है तो आप हमारे एक्सपर्ट्स से ये सहायता ले सकते हैं, ये हमारे लिये गर्व की बात होगी के हम आपको इस बिज़नेस मैं मदद करें।
भारत में कानूनी रूप से घर से व्यवसाय कैसे चलाएं?
घर-आधारित कंपनी होना इन दिनों कई लोगों के लिए एक सपना है। हालांकि, ऐसे कई कारक हैं जिन पर लोगों को घर-आधारित कंपनी शुरू करने से पहले विचार करना चाहिए। प्रौद्योगिकी, इंटरनेट और मोबाइल फोन की आसान पहुंच ने घर से काम करना और आजीविका बनाना संभव बना दिया है। कॉलेज के छात्रों, गृहिणियों, नए स्नातकों और युवा माताओं को अपनी आय के पूरक के लिए नए अवसर मिल सकते हैं। हम चर्चा करते हैं कि लोग भारत में घर-आधारित कंपनी कैसे स्थापित कर सकते हैं और किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए।
Recent Podcasts
Read in other Languages
Polls
- Property Tax in Delhi
- Value of Property
- BBMP Property Tax
- Property Tax in Mumbai
- PCMC Property Tax
- Staircase Vastu
- Vastu for Main Door
- Vastu Shastra for Temple in Home
- Vastu for North Facing House
- Kitchen Vastu
- Bhu Naksha UP
- Bhu Naksha Rajasthan
- Bhu Naksha Jharkhand
- Bhu Naksha Maharashtra
- Bhu Naksha CG
- Griha Pravesh Muhurat
- IGRS UP
- IGRS AP
- Delhi Circle Rates
- IGRS Telangana
- Square Meter to Square Feet
- Hectare to Acre
- Square Feet to Cent
- Bigha to Acre
- Square Meter to Cent
- Stamp Duty in Maharashtra
- Stamp Duty in Gujarat
- Stamp Duty in Rajasthan
- Stamp Duty in Delhi
- Stamp Duty in UP
These articles, the information therein and their other contents are for information purposes only. All views and/or recommendations are those of the concerned author personally and made purely for information purposes. Nothing contained in the articles should be construed as business, legal, tax, accounting, investment or other advice or as an advertisement or promotion of any project or developer or locality. Housing.com does not offer any such advice. No warranties, guarantees, promises and/or representations of any kind, express or implied, are given as to (a) the nature, standard, quality, reliability, accuracy or otherwise of the information and views provided in (and other contents of) the articles or (b) the suitability, applicability or otherwise of such information, views, or other contents for any person’s circumstances.
Housing.com shall not be liable in any manner (whether in law, contract, tort, by negligence, products liability or otherwise) for any losses, injury or damage (whether direct or indirect, special, incidental or consequential) suffered by such person as a result of anyone applying the information (or any other contents) in these articles or making any investment decision on the basis of such information (or any such contents), or otherwise. The users should exercise due caution and/or seek independent advice before they make any decision or take any action on the basis of such information or other contents.
Chanakya Niti: व्यापार को बढ़ाने के लिए चाणक्य ने बताएं हैं ये उपाय, आप भी अपनाकर बनें सफल बिजनेसमैन
Chanakya Niti: अगर आप बिजनेस (Chanakya Niti Business) शुरू करने की योजना बना रहे हैं या फिर आपके बिजनेस में नुकसान हो रहा है तो बिजनेस को सफल बनाने को लेकर आचार्य व्यापार योजना और रणनीति चाणक्य ने कई महत्वपूर्ण सूत्र बताए थे. आचार्य चाणक्य के द्वारा बताई गई नीतियां पहले जितनी उपयोगी हुआ करती थीं, उतनी ही आज के दौर में भी उपयोगी हैं. चाणक्य (Acharya Chanakya) ने बिजनेस को लेकर कुछ नीतियां बनाई थीं जिसका अनुसरण करके सफलता की नई ऊंचाईयों को छुआ जा सकता है. चाणक्य के अनुसार इन बातों के अनुसरण से एक व्यक्ति सफल व्यापारी बनता है. आचार्य चाणक्य ने बताया है कि किसी भी बिजनेस के लिए सकारात्मक सोच का होना बेहद जरूरी है. बिजनेस से जुड़ा कोई भी निर्णय लेने से पहले सोच स्थिर और सकारात्मक होना चाहिए.
जोखिम लेने से कभी भी ना पीछे हटें
उनका कहना है कि बिजनेस को सफल बनाने के लिए मन के अंदर कभी भी नकारात्मक भाव नहीं लाने चाहिए. सकारात्मक सोच के साथ कार्य का आरंभ करना चाहिए और आपको सफलता जरूरत मिलेगी. इसके अलावा आचार्य चाणक्य (Chanakya Neeti) ने कहा है कि जोखिम किसी भी व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू है ऐसे में अगर आप जोखिम लेने से हिचकिचाएंगे तो आप एक सफल व्यापारी नहीं बन पाएंगे. उनके अनुसार कारोबार में जोखिम उठाने से कभी नहीं घबराएं और पूरी जानकारी और रणनीति के साथ नए कार्य का आरंभ करना चाहिए. चाणक्य का कहना है कि व्यापारी को नए नवाचारों से अवगत होना चाहिए.
व्यापारी को अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए
चाणक्य के अनुसार व्यापार में वाणी का बड़ा महत्व है. व्यापार करते समय व्यापारी को अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए. उनका कहना है कि व्यापार में उन्हीं लोगों को सफलता मिलती है जो व्यवहार कुशल होने के साथ ही वाकपटु होते हैं. चाणक्य कहते हैं कि कोई भी कार्य को अकेले नहीं किया जा सकता है ऐसे में अगर किसी व्यापारी के पास अच्छे सहयोगी होते हैं तो वह कारोबारी काफी तेजी के साथ सफलता हासिल करता है. चाणक्य का कहना है कि तीखे और कड़वे बोल आपको कारोबार में नुकसान पहुंचा सकते हैं. चाणक्य कहते हैं कि व्यापारी को हमेशा अपनी बराबरी के लोगों से मित्रता रखनी चाहिए. उनका कहना है कि जो लोग बराबरी के मित्र नहीं रखते हैं उन्हों ऐसे लोगों से हमेशा कष्ट मिलता रहेगा.
संचालन रणनीति भाग २ (Operational Strategy-2)
जैसे की हमने हमारे पहले आर्टिकल मे जाना की संचालन रणनीति आखिर होता क्या है? संचालन रणनीति (Operational Strategy) संगठन (Organizations) के सभी घटकों या फिर कहे विभागों के (Functions) कार्यों को पूरा करने के लिए रचना (Framework) प्रदान करता है | आसान भाषा मे समझे तो संचालन रणनीति (Operational Strategy) उत्पादों, सेवाओं और प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने की क्षमता प्रदान करती है| मजबूत संचालन रणनीति का इस्तेमाल नहीं करने से बहुत सी छोटी बड़ी कंपनियां आज मार्केट में रहने के लिए संघर्ष कर रहे है| इस आर्टिकल में हम जानेंगे की संचालन रणनीति कैसे बनाते हैं और रणनीति तैयार करते समय किन बातों पर विचार करने की जरूरत है|
कोई भी संचालन रणनीति बनाने से पहले मार्केट रिसर्च कर मार्केट की दिशा और इसकी गतिशीलता को समझना जरूरी है और यह भी जरूरी है की हम कहा पर है ? क्या कर रहे ? मार्केट रिसर्च के वजह से हमे मार्केट और प्रतियोगी के बारे मे महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है जैसे की प्रतियोगिता की तीव्रता, प्रतियोगितायों के अनोखे स्टाईल के बारे मे जो ग्राहक को उनके साथ बांधे रखता हैं, और वे कैसे बेहतर सामान और सेवाएं प्रदान कर रहा है| तो आप उनसे कैसे प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं और इनसे अलग हम क्या नया कर सकते है| और ग्राहकों की अपेक्षाएं, अपेक्षा और हमारी अभी के अॉफर के बीच छुटनेवाली (Missing) लिंक के बारे मे जानकारी मिलती है | साथ ही अपनी कंपनी की ताकत, कमजोरियों, अवसरों और खतरों का विश्लेषण करें। आपूर्ति श्रृंखला (supply chain) में सुधार करें ताकि लोगों का आप पर विश्वास बना रहे| अपने संचालन प्रयासों को मापने और अनुकूलित करने के लिए मजबूत एनालिटिक्स टीम विकसित करें| संचालन रणनीति बाजार की गतिशीलता और कई मुद्दों की ओर संगठनों (Organizations) को निर्देशित करती रहती है तो इस पर विचार करना चाहिए| समग्र व्यावसायिक रणनीति योजना का अध्ययन करें, ये बिजनेस प्लान के साथ मेल खाना चाहिए। कभी जरूरत पढने पर समग्र व्यापार योजना के रूप में शामिल हो सकती है।
ये वो तत्व है जो एक साथ संचालन रणनीति के लिए एक रूपरेखा (Framework) प्रदान करते हैं, जैसा कि परिवर्तन सलाहकार आनंद सुब्रमण्यम द्वारा कहा गया है|
हम पहले तो व्यापार / कॉर्पोरेट रणनीति के साथ शुरू करते हैं, उद्देश्यों को पूरा करना के लिए जैसे की निवेश पर वापसी (Return on investment ), लाभ (Profit) और बढ़ोतरी (Growth)|
इसके बाद हम मार्केटिंग रणनीति की ओर बढ़ते हैं, जहां हम ग्राहक खंडों (Customer Segment), मानकीकरण (Standardization) बनाम अनुकूलन (Customization), नवाचार स्तर (Innovation Level) और लीडर -बनाम- फॉलोवर विकल्पों जैसे तत्वों पर विचार करते हैं।
इसके बाद गुणवत्ता (quality), मूल्य (price), वितरण की गति (delivery speed), डिजाइन और बिक्री के बाद समर्थन जैसे ऑर्डर-विजेता मानदंड (order-winning criteria) आते हैं।
और अंतिम में संचालन / विनिर्माण (manufacturing) रणनीति शामिल है, जिसमें संरचना के विकल्प (जैसे सुविधाएं और प्रक्रिया) और बुनियादी ढाँचे (जैसे योजना / नियंत्रण प्रणाली और कार्य संगठन) शामिल हैं। उस रणनीति में उत्पाद / प्रक्रिया डिजाइन, इन्वेंट्री, गुणवत्ता प्रबंधन, मानव संसाधन और नौकरी डिजाइन और रखरखाव के तत्व भरे हुए हैं।
यह वह प्राथमिकताओं का मुकाबला है जिसके ध्यान मे रखना चाहिए|
लागत (Cost) : यह ऑपरेशन रणनीति है जो कम कीमत पर प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता रखती हैं| यानी अगर आप शुरूआत में उत्पादन की किंमत कम रखे तो आपको फायदा (Profit) ही होगा|
गुणवत्ता (Quality) : उच्च गुणवत्ता व सुसंगत गुणवत्ता पर प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता होती है|
समय (Time) : तेजी से वितरण, डिलिवरी की गति, समय पर डिलिवरी और डिलिवरी मे विकास प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता प्रदान करता है|
निर्भरता (Dependability) : विश्वसनीय वितरण पर प्रतिस्पर्धा करने व्यापार योजना और रणनीति की क्षमता रखती है|
लचीलापन (Flexibility) : नए उत्पादों या सेवाओं, विस्तृत चयन और समय के साथ प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता| साथ ही अनुकूलन, विविधता, मात्रा लचीलापन होना जरूरी है|
बाजार में मौजूद रहने के लिए, आपके पास व्यापार में स्वीकार्य गुणवत्ता, मूल्य, प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता होनी चाहिए। वास्तव में बाजार में अधिक ऑर्डर के लिए, थोड़े बदलाव की जरूरत पढ़े व्यापार योजना और रणनीति व्यापार योजना और रणनीति तो बदलाव जरूर करे क्योंकि आपको गुणवत्ता, मूल्य, वितरण की गति, वितरण की स्थिरता और विश्वसनीयता जीतने की आवश्यकता है।
इन उत्पादन प्राथमिकताओं को ध्यान मे रखते हुए योजना लिखे इसके साथ ही वर्तमान और भविष्य मैं ग्राहकों की प्राथमिकताओं के बारे में भी सोचना चाहिए| अब टेक्नोलॉजी इस्तेमाल ज्यादा बढ गया है तो जो कुछ भी आपका प्लान होगा इसमे टेक्नोलॉजी को लेकर ही होना चाहिए| यह दीर्घकालिक संचालन (long-term operations) के सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।
Smart sheet के आर्टिकल मे क्रिस्टियन रेनेला का हवाला दिया गया है की, “जब एक रणनीतिक ऑपरेशन योजना लिखी जाती है, तो मेरा सुझाव है कि इसे पूरी तरह से न लिखें। केवल प्रारंभिक बिंदुओं (points) को लिखना उचित है। फिर, बाजार की जरूरतों के अनुसार इसे पूरा करने के लिए योगदान करें | एक और दिलचस्प बात लचीलापन के बारे में है। हमेशा नए संशोधनों के लिए खुले रहें, न केवल लेखन के क्षण में, बल्कि एक बार जब आप योजना को लागू कर लेते हैं।”
“ज्ञान की नींव मजबूत करें और खुद को विकसित करें।”
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 179