ट्रेड यूनियन इसका विरोध करेंगे
ट्रेड यूनियन जो ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी मंडल का हिस्सा है उसने कहा कि वे इस कदम का विरोध करेंगे।

फिशिंग स्कैम का ख़तरा – यह क्या है और इससे हम कैसे बचें?

मैंने हाल ही में शेयर बाजार के घोटालों पर यह पोस्ट ट्रेड पेआउट प्रतिशत लिखा था, जिसके बारे में सभी को पता होना चाहिए। यहाँ हमने बताया है कि कैसे धोखेबाज़ सलाहकार आपको इल्लिक्विड ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स (वह ऑप्शनस जिनमे कम ट्रेडिंग होती है) में पोज़िशन लेने के लिए कहते हैं और जानबूझकर नुकसान पैदा करते हैं, और अपने अकाउंट में चोरी से यह मुनाफा ले लेते हैं। इन में से कुछ सलाहकार, निवेशकों को ख़राब कंपनी के शेयर दिलाकर उस शेयर की कीमत को ऊंचा कर देते हैं और खुद इन् शेयर को बेच देते है। ऐसे निवेशक इन् शेयर में फस जाते हैं और बाहर नहीं निकल सकते (इसे “पंप और डंप स्कीम” कहा जाता है)।

Kite (काइट) पर इन घोटालों को रोकने के लिए हमने नीचे लिखे उपाय लागू किये है –

फिशिंग स्कैम

जालसाज फ़िशिंग (नकली) वेबसाइट बनाते हैं जो बड़े शेयर ब्रोकर के बनाये गए ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म की तरह पेश आते हैं। इन् वेबसाइट का लिंक निवेशकों के पास SMS, ई-मेल या सोशल मीडिया के माध्यम से भेजा जाता है।

निवेशक इस लिंक से नकली वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं जो उनके शेयर ब्रोकर के वेबसाइट के जैसा दिखता है। यहाँ वह अपने लॉगिन की जानकारी (नाम, पासवर्ड, ट्रेड पेआउट प्रतिशत ट्रेड पेआउट प्रतिशत पिन, और अति अदि) दर्ज कर देते हैं। यह जानकारी धोखेबाजों द्वारा कब्जा कर ली जाती है, जिसे वे निवेशक के ट्रेडिंग अकाउंट में लॉगिन करने के लिए उपयोग करते हैं। और फिर वह निवेशक के अकाउंट में स्कैम वाले बेकार कंपनी के शेयर खरीद लेते हैं या इल्लिक्विड ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट की लेन-देन से निवेशक के अकाउंट से पैसे चोरी कर लेते हैं।

अगर आपके अकॉउंट में पैसे नहीं हैं तो यह धोकेबाज़ आपकी मौजूदा होल्डिंग्स के शेयर बेच कर उन् पैसों से फ्रॉड ट्रेड करते हैं। इन् ट्रेड्स को देखिये जो हमारे एक ग्राहक के खाते में हाल ही में किये गए थे (हम अपने ग्राहक की सहमति के साथ आपको यह पेश कर रहे हैं)। इस निवेशक की लॉगिन जानकारी धोके से गलत वेबसाइट में लगभग 9 बजे ले ली गयी थी और 10 बजे तक जालसाज़ ट्रेडिंग अकाउंट में लॉगिन कर चूका था। उसने 70,000 रुपये के शेयर बेच दिए और कुछ मिनट में 60,000 रूपये का नुक्सान भी कर दिया।

EPFO का प्लान: सरकार फिर घटा सकती है प्रॉविडेंट फंड की 8.5% की ब्याज दर, ईपीएफओ जल्द कर सकता है इसकी घोषणा

मार्च की शुरुआत में नई ब्याज दर 8.5 फीसदी की घोषणा हुई थी, लेकिन अभी तक उसे वित्त मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिल सकी है - Dainik Bhaskar

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) वित्त वर्ष 2020 के लिए घोषित 8.5% ब्याज दर को कम कर सकता है। निवेश पर रिटर्न लगातार घट रहा है, जिसके चलते ईपीएफओ द्वारा प्रोविडेंट ट्रेड पेआउट प्रतिशत फंड पर दिए जाने वाले ब्याज को घटाने पर विचार किया जा रहा है।

बता दें कि ईपीएफओ की ब्याज दर पहले 8.65 फीसदी थी, जिसे मार्च में घटाकर 8.50 फीसदी किया गया था। अब फिर से इसे घटाने पर विचार किया जा रहा है।

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