आज हमलोग शिक्षण सूत्र के अंतर्गत आने वाले विश्लेषण विधि (Analysis method) के बारे में अध्ययन करेंगे तथा जानेंगे कि विश्लेषण विधि किसे कहते हैं? विश्लेषण विधि के गुण , दोष, अर्थ एवं परिभाषा क्या है? तो चलिए हम लोग जानते हैं कि विश्लेषण विधि किसे कहते हैं?

प्रवृत्ति विश्लेषण के तीन प्रकार क्या हैं?

प्रथम n प्राकृत संख्याओं का भा .

प्रथम n प्राकृत संख्याओं का भारित माध्य ( Weighted mean) जिनके मान संगत संख्याओं के वर्गों के बराबर हैं

Updated On: 27-06-2022

Get Link in SMS to Download The Video

Aap ko kya acha nahi laga

प्रथम एन प्राकृतिक संख्याओं का भारत माध्य जिनके मान संगत संख्याओं के वर्गों के बराबर है अपन को इस प्रकार चार ऑप्शन दिए गए हैं हम जानते हैं कि भारत मध्य होता है उसका फार्मूला होता है कि भारत मध्य बराबर यानी योग wi-fi पदों का बर्थडे एक्स आई या न माने एक कष्ट कर दो को एक दो तीन चार और एक्स आई का माने वह 1 का स्क्वायर प्लस 2 स्क्वायर प्लस 3 का स्क्वायर डॉट डॉट डॉट एन का स्क्वायर यानी कि 1 गुना 1 का स्क्वायर प्लस 2 बटा 2 का स्क्वायर प्लस 3 बटा 3 का स्क्वायर प्लस डॉट डॉट डॉट एंड का स्क्वायर

केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप से आप क्या समझते हैं ? केन्द्रीय प्रवृत्ति की मापों का उदाहरण

केन्द्रीय प्रवृत्ति का अर्थ उस मान से है जो प्राप्त आंकड़ो का प्रतिनिधित्व करता है। आंकड़ों के इस प्रतिनिधिकारी मान अथवा मूल्य को केन्द्रीय प्रवृत्ति का मान कहते हैं और जिन सांख्यिकीय विधियों के द्वारा इसकी गणना की जाती है उसे केन्द्रीय प्रवृत्ति का माप कहा जाता है। ये माप तीन प्रकार के माने जाते है। मध्यमान, मध्यांक तथा बहुलांक।

मैरिट के शब्दों प्रवृत्ति विश्लेषण के तीन प्रकार क्या हैं? में केन्द्रीय प्रवृत्ति का माप एक औसत है, जो समूह द्वारा बनाये गये प्राप्तांकों का प्रतिनिधित्व करता है और इस प्रकार सम्पूर्ण समूह की निष्पत्ति का संक्षिप्त विवरण देता है।

यद्यपि मध्यमान, मध्यांक तथा बहुलांक ये तीनों ही माप केन्द्रीय प्रवृत्ति के सूचक हैं किन्तु समय एवं शुद्धता की दृष्टि से इनमें अन्तर पाया जाता है। मध्यमान केन्द्रीय प्रवृत्ति का सबसे शुद्ध मान है, किन्त इसकी गणना करने में समय अधिक लगता है। मध्यांक मध्यमान की अपेक्षा कम शुद्ध है, लेकिन इसकी गणना करने में अपेक्षाकृत कम समय लगता हैं बहुलांक मध्यमान एवं मध्यांक की अपेक्षा कम शुद्ध मान है। इसकी गणना करने में मध्यमान एवं मध्यांक से कम समय लगता है।

केन्द्रीय प्रवृत्ति के मापों का महत्व

शैक्षिक अध्ययनों में केन्द्रय प्रवृत्ति के मापों का महत्व निम्नलिखित है-

1. केन्द्रीय प्रवृत्ति के माप अपेक्षाकृत स्थिर होते है, अत: इसके द्वारा व्यवहार का मात्रात्मक अध्ययन अधिक शुद्धता से किया जा सकता है।

2. किसी भी शैक्षिक अध्ययन में प्राप्त आंकड़ों के सांख्यिकीय विश्लेषण करने में केन्द्रीय प्रवृत्ति के मापों की आवश्यकता पड़ती है।

3. केन्द्रीय प्रवृत्ति समूह के प्राप्तांकों का प्रतिनिधित्व करती है।

4. यह सम्पूर्ण समूह की विशेषताओं को प्रदर्शित करती है तथा इसके द्वारा विभिन्न समूहों की विशेषताओं की तुलना की जा सकती है।

केन्द्रीय प्रवृत्ति के मापों की सीमाएँ

1. केन्द्रीय प्रवृत्ति के विभिन्न माप सांख्यिकीय विश्लेषण में भिन्न-भिन्न निष्कर्ष प्रस्तुत करते हैं।

2. ये समस्त समूह या वर्ग का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम नहीं है।

3. ये किसी समूह या वर्ग की सामूहिक विशेषताओं की ओर संकेत करते हैं और व्यक्तिगत विशेषताओं पर प्रकाश नहीं डालते हैं।

केन्द्रीय प्रवृत्ति के मापों की सापेक्षिक तुलना-

1. केन्द्रीय प्रवृत्ति के मापों में पारस्परिक सामीप्य एवं सादृश्य समूह के प्राप्तांकों के आवृत्ति वितरण के स्वरूप पर निर्भर होता है।

2. जब समूह के प्राप्तांकों का आवृत्ति वितरण सममित (Symmetrical) या सामान्य (Normal) होता है तो केन्द्रीय प्रवृत्ति के माप एक ही बिन्दु पर स्थिर होते हैं।

3. जब समूह के प्राप्तांकों का आवृत्ति वितरण असममित या विषम होता प्रवृत्ति विश्लेषण के तीन प्रकार क्या हैं? है, तो इनका पारस्परिक सम्बन्ध वितरण-विषमता (Skewness of Distribution ) की स्थिति पर आधारित होगा।

IMPORTANT LINK

  • वैधता के प्रकार/विधि | Type/Method of Validity in Hindi
  • विषयगत एवं अनुभाविक वैधता | thematic and experiential validity in Hindi
  • निबन्धात्मक परीक्षा प्रणाली में सुधार | Improvement in the essay examination system in Hindi
  • वर्तमान परीक्षा प्रणाली | Present Examination System in Hindi
  • वर्तमान / प्रचलित परीक्षा प्रणाली में सुधार के लिये सुझाव
  • ग्रेडिंग सिस्टम क्या है? ग्रेडिंग सिस्टम से क्या लाभ है तथा ग्रेड मानकों की क्या सीमायें हैं?
  • संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये – (i) सेमेस्टर प्रणाली (ii) अनवरत आंतरिक मूल्यांकन समेस्टर प्रणाली
  • मानक संदर्भित परीक्षण का अर्थ एंव प्रकार | Meaning and Types of Standard Referenced Tests in Hindi
  • मानक संदर्भित एवं निकष संदर्भित परीक्षण में अन्तर | Difference between standard referenced and criteria referenced test
  • उपलब्धि परीक्षण का अर्थ, परिभाषा, महत्व एवं विशेषता | Meaning, Definition, Significance and Characteristics of Achievement Test
  • रूचियों का मापन (Measurement of Interests) रूचि क्या है? in Hindi
  • रूचि पत्रियों की सीमायें | Limitations of Letters of Interest in Hindi
  • सृजनात्मकता का क्या अर्थ है? सृजनात्मकता के मापन
  • समायोजन क्या है? समायोजन के तत्व | what is adjustment ? elements of adjustment in Hindi
  • अन्वय वैधता (Construct Validity) in Hindi
  • व्यक्तित्व के प्रमुख प्रकार | Major personality types in Hindi
  • व्यक्तित्त्व भेद का शिक्षा में क्या महत्त्व है? What is the importance of personality difference in education?
  • वैयक्तिक विभिन्नता क्या है? इसके विभिन्न प्रकार एंव कारण
  • बुद्धि का अर्थ, परिभाषा एवं प्रकार | Meaning, definitions and types of intelligence in Hindi
  • “व्यक्तिगत विभिन्नताओं का ज्ञान शिक्षक के लिए अनिवार्य है।”
  • बुद्धि का स्वरूप क्या है? बुद्धि के दो खण्ड सिद्धान्त एंव योग्यताएं
  • बुद्धि लब्धि क्या है? बुद्धि लब्धि वितरण एवं स्थिरता What is intelligence gain? IQ Distribution and Stability
  • बुद्धि परीक्षण क्या है? बुद्धि परीक्षणों के प्रकार | What is an IQ test? types of intelligence tests
  • व्यक्तित्व का अर्थ, परिभाषा एवं विशेषताएँ | Meaning, Definition and Characteristics of Personality in Hindi

प्रवृत्ति विश्लेषण के तीन प्रकार क्या हैं?

LOGO

Get the SOLUTION

LOGO

Get the SOLUTION

प्रकृति में आए असंतुलन का क्या परिणाम हुआ?

प्रकृति में आए असंतुलन का यह परिणाम हुआ है कि प्राकृतिक आपदाओं का प्रकोप बढ़ने लगा है। प्रकृति के असंतुलन के कारण अब गर्मी बहुत अधिक पड़ने लगी है तथा सर्दी भी अधिक पड़ने लगी है। बरसात का समय भी अनिश्चित हो गया है और समय-बेसमय बरसात होने लगी है, जिससे जनधन और फसलों को नुकसान पहुंचता है। प्रकृति में असंतुलन के कारण समुद्री तूफानों की तीव्रता बढ़ने लगी है और जब-तब आँधी तूफान आने लगे हैंं।

प्रकृति में आए असंतुलन के कारण सूखा एवं बाढ़ जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है और इसके साथ प्रवृत्ति विश्लेषण के तीन प्रकार क्या हैं? ही तरह-तरह के नए लोग भी पैदा हो रहे हैं, जो मानव के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहे हैं।

पाठ के बारे में :

प्रस्तुत पाठ ‘अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होने वाले’ निदा फ़ाज़ली द्वारा लिखा गया एक विचारोत्तेजक निबंध है। इस पाठ के माध्यम से लेखक ने मनुष्य की स्वार्थी प्रवृत्ति पर कटाक्ष किए हैं। लेखक के अनुसार इस धरती पर प्रकृति ने सभी प्राणियों के लिए जीने का अधिकार और सुविधा दी है, लेकिन मनुष्य नाम के स्वार्थी प्राणी ने पूरी धरती को केवल अपनी ही जागीर समझ लिया है। उसने अन्य प्राणियों जैसे पशु-पक्षी, कीड़े-मकोड़े, जीव-जंतु आदि को दर-दर भटकने के लिए विवश कर दिया है और उनके जीवन जीने के अधिकार छीन लिए। इसी कारण जीवों की नस्ल खत्म हो प्रवृत्ति विश्लेषण के तीन प्रकार क्या हैं? चुकी है, यह बहुत तेजी खत्म होने के कगार पर है। मनुष्य को दूसरों के दुख की कोई चिंता नहीं है। वह केवल अपनी स्वार्थी प्रवृत्ति में ही मग्न रहता है।

प्रवृत्ति विश्लेषण के तीन प्रकार क्या हैं?

LOGO

Get the SOLUTION

LOGO

Get the SOLUTION

समुद्र के गुस्से की क्या वजह थी? उसने अपना गुस्सा कैसे निकाला?

समुद्र के गुस्से की यह वजह थी कि बिल्डर लगातार उसकी जमीन को हथियाते जा रहे थे। पहले तो बिल्डरों ने लालच में उसकी जमीन को हथियाना शुरू कर दिया और समुद्र को पीछे धकेलना शुरू कर दिया। इस कारण समुद्र को पहले ऊँकड़ू को कर बैठना पड़ा, फिर भी बिल्डर आगे बढ़ते गए और समुद्र को पीछे प्रवृत्ति विश्लेषण के तीन प्रकार क्या हैं? धकेलते गए। इससे समुद्र को फिर खड़ा होना पड़ा। फिर भी बिल्डर अपनी हरकतों से बाज नहीं आए और उसकी जमीन को और हथियाते जा रहे थे। प्रवृत्ति विश्लेषण के तीन प्रकार क्या हैं? समुद्र का आकार घटता जा रहा था, वैसे सिमटता जा रहा था।

अंत में समुद्र के सब्र का बांध टूट गया और वह उसे गुस्सा आया। उसने गुस्से में आकर अपने सीने पर दौड़ते तीन जजों को अलग-अलग दिशाओं में गेंद की तरह उठाकर फेंक दिया। एक जहाज वर्ली के समुद्र के किनारे गिरा। दूसरा बांद्रा में कार्टर रोड के सामने समुद्र के किनारे गिरा तथा तीसरा जहाज गेटवे ऑफ इंडिया के सामने आकर गिरा। इस तरह समुद्र ने तीनों जहाजों को फेंककर अपना गुस्सा निकाला।

रेटिंग: 4.26
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 504