53 डॉक्टरों का प्रमोशन कर एसएमओ बनाया
जागरण संवाददाता, रोहतक : प्रदेश के 53 डॉक्टरों के लिए नया साल खुशखबरी लेकर आया है। प्रदेश के इन सभी डॉक्टरों को प्रदेश सरकार ने प्रमोशन देकर एसएमओ बना दिया है। वहीं मेडिको लीगल रिपोर्ट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का डाला भी ऑनलाइन करने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए इसे ऑफलाइन करने का निर्णय लिया गया है। जिसमें अब छह पेज की रिपोर्ट की जगह तीन पेज की रिपोर्ट तैयार करनी होगी।
हाल ही में पंचकूला में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज व विभाग के आला अधिकारियों से मुलाकात के दौरान एचसीएमएस प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगें रखी थीं, जिसके बाद ये दो बड़े फैसले विभाग ने लिए। एचसीएमएस प्रधान डॉ. जसबीर परमार ने बताया कि पिछले काफी समय से संगठन डॉक्टरों के प्रमोशन के लिए लड़ाई लड़ रहा था। जिसके बाद प्रदेश सरकार ने इन डॉक्टरों को प्रमोशन दिया गया है। इसके अलावा हाईकोर्ट के आदेश के बाद एमएलआर व पीएमआर ऑनलाइन करने में खासी दिक्कतों का सामना एसएमओ प्रमोशन क्या है करना पड़ रहा है। इस पर मंत्री विज ने आश्वासन दिया कि एनआईसी से बातचीत करने के बाद इसे ऑफलाइन कर दिया जाएगा। बता दें कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद एमएलआर और पीएमआर को कंप्यूटराइज्ड किया जा रहा है। रोहतक सिविल अस्पताल में ही रोजाना औसतन पांच से छह पीएमआर होती हैं, जबकि 10 से 15 एमएलआर आती हैं। एचसीएमएस प्रधान डॉ. जसबीर परमार ने बताया कि सॉफ्टवेयर के जरिए इस डाटा को सीधे मुख्यालय भेजा जाता है, लेकिन सुविधाओं के अभाव में परेशानी बनी हुई है।
एमपीएचडब्लू यूनियन प्रधान सस्पेंड
एचसीएमएस के प्रधान डॉक्टर जसबीर परमार ने बताया कि झज्जर के सिविल अस्पताल में डीएमओ डॉ. विपिन को धमकी देने के मामले में एमपीएचडब्लू यूनियन प्रधान वीरेंद्र दलाल के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कई दिन से डॉक्टरों ने मोर्चा खोला हुआ था। एचसीएमएस प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य मंत्री को पूरी घटना बताई, जिसके बाद बुधवार को महानिदेशक डीपी लोचन ने वीरेंद्र दलाल को सस्पेंड कर उन्हें विभागीय जांच पूरी होने तक पंचकूला में तैनात रहने का आदेश दिया।
सीएमओ मेरठ को प्रमोशन मिला, जेडी बनाए गए
वर्ष 2017 में मेरठ के मुख्य चिकित्साधिकारी पद पर तैनात हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजकुमार चौधरी को कोविड काल में प्रमोशन मिल गया है। उन्हें.
मेरठ। वरिष्ठ संवाददाता
वर्ष 2017 में मेरठ के मुख्य चिकित्साधिकारी पद पर तैनात हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजकुमार चौधरी को कोविड काल में प्रमोशन मिल गया है। उन्हें शासन ने मेरठ में संयुक्त निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मेरठ मंडल पद पर नियुक्त किया गया है। वहीं, गाजियाबाद के संयुक्त चिकित्सालय के वरिष्ठ परामर्शदाता सर्जन डॉ अखिलेश मोहन मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी तैनात किया है।
सीएमओ डॉ राजकुमार 2017 में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के रूप में तैनात हुए। उनके कार्यकाल में स्वाथ्य विभाग ने बुलंदियों को छुआ। परिवार नियोजन में मेरठ में प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया। संजीवनी एप में मेरठ ने देश में कई राज्यों को छोड़ते हुए दूसरा स्थान प्राप्त कर मेरठ की लाज रखी। कोविड काल में सीएमओ डॉ राजकुमार ने टीम का नेतृत्व एक लीडर के रूप में किया। लखनऊ से आए नोडल अधिकारी पी गुरु प्रसाद भी उनकी प्रशंसा कर चुके हैं। डॉ. राजकुमार को शासन ने मेरठ में संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के रूप में तैनात किया है। उनके स्थान पर गाजियाबाद के जिला अस्पताल में तैनात अखिलेश मोहन को मेरठ का मुख्य चिकित्साधिकारी नियुक्त तैनात किया गया है।
सबसे अधिक कार्यभार संभालने का बनाया रिकार्ड
मुख्य चिकित्सा अधिकारी के तौर पर मेरठ में रहे डॉ राजकुमार ने सबसे अधिक कार्यभार संभालने का रिकार्ड बनाया है। उनसे अधिक कोई भी सीएमओ इतने लंबे समय तक नहीं रहा।
कोविड काल में चुनौतियां कम नहीं
मेरठ में बतौर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के रूप में तैनात किए गए गाजियाबाद से स्थानांतरण होकर आने वाले डॉ. अखिलेश मोहन के सामने काफी चुनौतियां होंगी। कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना के संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो गई है। जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं आती है तब तक इसके संक्रमण को आगे बढ़ने से रोकने के लिए उनके सामने चुनौती होगी।
पदोन्नति के बाद सीएमओ पदावनत, नए सीएमओ के सामने चुनौतियां
जागरण संवाददाता, बलिया : पदोन्नति पाकर बलिया के सीएमओ बने डा. राजेंद्र प्रसाद आखिरकार पदावनत कर दिए गए। जनवरी 2021 में वे बलिया आए थे। उस वक्त पूर्व सीएमओ डा. जितेंद्र पाल की कोरोना से मौत हो गई थी। पहली बार वे सीएमओ बने थे। इससे पहले वे महाराजगंज में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी थे। बलिया में वह सात माह रहे लेकिन सेहत के इंतजाम दुरुस्त करने में वे सफल नहीं हए। संसाधन बढ़ाने से लेकर विभागीय भ्रष्टाचार पर नकेल नहीं कस पाए, दागी लिपिकों को अभयदान दिया। उन्नाव के अपर सीएमओ डा. तन्मय कक्कड़ को अब जिम्मेदारी मिली है। उनके समक्ष भी कई चुनौतियां रहेंगी। दिवंगत सीएमओ के पेंशन भुगतान में लापरवाही पर हुई थी किरकिरी
बलिया के दिवंगत सीएमओ डा. जितेंद्र पाल के पेंशन व अन्य देयकों के भुगतान में लापरवाही करने पर वह शासन की नजरों में आए थे। सीएम ने प्रकरण को संज्ञान में लिया था। वरिष्ठ लिपिक गोपाल कुमार को निलंबित करते हुए ललितपुर संबद्ध कर दिया गया था। खरीदे गए थे 25 लाख के घटिया कोविड सुरक्षा किट
जेम पोर्टल से 25 लाख के घटिया कोविड सुरक्षा किट खरीदे गए थे। 17 मई 2021 को डिप्टी कलेक्टर सीमा पांडेय ने भंडार गृह एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मास्क, ग्लव्स, सैनिटाइजर व आक्सीमीटर को पकड़ा, गुणवत्ता ठीक नहीं थी। स्टोर प्रभारी को निलंबित कर सामग्री वापस की एसएमओ प्रमोशन क्या है गई। 50 लाख गबन के मास्टरमाइंड को दिया इनाम
वर्ष 2019 में करीब 50 लाख के गबन मामले में मास्टर माइंड कनिष्ठ लिपिक सीएमओ का खास बना रहा। प्रकरण में साक्ष्य सहित शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अलबत्ता, उसे अकाउंट सेक्शन की जिम्मेदारी दे दी गई।
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2013 से, इंटरनेट बिजनेस शोकेस और ई-कॉमर्स साइटों के संदर्भ के लिए समाधान विकसित कर रहा है।
CMO Kaise Bane : CMO अधिकारी क्या होता है और कैसे बने
नमस्कार मित्रो आज हम आपको CMO Kaise Bane इसके बारे में बता रहे है अगर आपको सीएमओ बनना है तो आपको पता होना जरुरी है की सीएमओ क्या क्या होता है व इसके कार्य क्या होते है व आपको सीएमओ बनने के लिए क्या करना होगा निम्न तरह की जानकारी होगी तो ही आप एक सीएमओ बन सकते है और इसमें अपना बेहतरीन भविष्य बना सकते है.
हर व्यक्ति का अपने भविष्य को लेकर अलग अलग सपना होगा है व हर व्यक्ति अपने जीवन में कुछ न कुछ बड़ा करना चाहता है वही कई लोग सीएमओ बनने का सपना देखते है पर ज्यादातर लोगो को पता नहीं होता की आखिर सीएमओ क्या होता है और CMO Kaise Bane तो इसके बारे में जानने के लिए आप हमारा यह पूरा आर्टिकल ध्यान से पढ़े.
CMO Kaise Bane
सीएमओ कैसे बनते है इसके बारे में बताने से पहले सीएमओ क्या होता है इसके बारे में आपको जानना बेहद ही जरुरी है व सीएमओ को हमेशा जिला स्तर पर नियुक्त किया जाता है व यह एक बहुत ही बड़ी जिम्मेदारी वाली पोस्ट होती है जो की स्वास्थ्य और चिकित्सा से जुडी सुविधाओं वाली पोस्ट होती है एवं सीएमओ चिकित्सा विभाग का एक वरिष्ठ अधिकारी होता है.
सीएमओ का पूरा नाम मुख्य चिकित्सा अधिकारी होता है जिसे अंग्रेजी में Chief medical officer भी कहा जाता है यह अधिकारी चिकित्सक विशेषज्ञो की टीम का नेतृत्व करते है और उनका सही तरह से मार्गदर्शन करते है इसके साथ ही यह अधिकारी सार्वजनिक मामलों को हल करने में भी सहायक होते है.
जैसा की हमने आपको बताया की सीएमओ को जिला स्तर पर नियुक्त किया जाता है इस वजह से किसी जिले में जितने भी अस्पताल आते है वो सभी सीएमओ के अधीन होते है व जिले के सभी अस्पतालों के डॉक्टर का मार्गदर्शन इन्ही के द्वारा किया जाता है इसके साथ ही अस्पताल का रखरखाव, जरुरी आवश्यकता पूरी करना, रोगियों की देखभाल, चिकित्सको की कमी को पूरा करना और प्रबंधन आदि से जुड़े कार्य एक सीएमओ को ही करने होते है.
CMO कैसे बनते है
आपको CMO बनने के लिए इस बात का ध्यान रखना जरुरी है की आप सीधे तौर पर कभी भी CMO नहीं बन सकते इसके लिए कभी भी सीधी भर्ती नहीं आती इसलिए आपको एक सीएमओ बनने के लिए कुछ वर्षो तक सरकारी डॉक्टर या चिकित्सा अधिकारी के रूप में कार्य करना होता है इसके बाद आपको प्रमोशन के माध्यम से CMO का पद प्राप्त होता है.
दसवीं अच्छे अंको से उत्तीर्ण करें
आपको सीएमओ बनने के लिए शुरुआत से ही इसकी तयारी में जुड़ जाना है व आपको दसवीं में बहुत ही अच्छी पढाई करनी होगी व दसवीं में अच्छे अंक प्राप्त करने की कोशिश करें क्युकी आपके अंक जितने अच्छे होंगे आपको उतने ही अच्छे विधालय में आगे की पढाई के लिए एडमिशन मिल जायेगा व आप आगे की पढाई भी बेहतरीन तरीके से कर पाएंगे.
बाहरवीं उत्तीर्ण करें
अब आपको दसवीं पास करने के बाद ग्यारवी में एडमिशन लेना होता है व इसके लिए आपको फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी सब्जेक्ट का चुनाव करना होता है तभी आप आगे जाकर डॉक्टर की पढाई कर पाएंगे व इन सब्जेक्ट के साथ आप अच्छे अंको से बाहरवीं उत्तीर्ण कर ले व बाहरवीं में आपके अच्छे अंक होने बेहद ही जरुरी है नहीं तो आपको अच्छे कॉलेज में एडमिशन लेने में परेशानी हो सकती है.
एमबीबीएस कोर्स करें
आप बाहरवीं उत्तीर्ण कर लेते है तो इसके बाद आपको 4 वर्ष का एमबीबीएस कोर्स करना होता है व इसके लिए आपको एक एंट्रेंस एग्जाम देना होता है जब आप एंट्रेंस एग्जाम को उत्तीर्ण कर लेते है तो इसके बाद आपको अच्छे एसएमओ प्रमोशन क्या है कॉलेज में एमबीबीएस के लिए एडमिशन मिल जाता है व आगे डॉक्टर की पढाई कर पाएंगे व जब आप एमबीबीएस कर लेते है तो इसके बाद आपको एक साल का इंटरशिप करना भी बेहद ही आवश्यक है.
UPSC CMS की परीक्षा दे
जब आपको एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त हो जाती है तो इसके बाद आपको यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली कंबाइड मेडिकल सर्विस अर्थात UPSC CMS के लिए आवेदन करना होता है व इसकी परीक्षा को उत्तीर्ण करना होता है इसके बाद आपको सरकारी डॉक्टर या चिकित्सा अधिकारी के रूप में नौकरी मिल जाती है व इसके बाद आपको निम्न पोस्ट पर कुछ वर्ष तक काम करना होता है.
UPSC CMS की परीक्षा में आपको 2 प्रश्न पत्र दिए जाते है व दोनों प्रश्न पत्र 250 अंको के होते है जिसमे आपको ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जायेगे व इस प्रश्न पत्र को हल करने के लिए आपको कुल 2 घंटे का समय दिया जाता है व इस परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग भी रखी जाती है इसलिए आप कोई भी गलत उत्तर देंगे तो इसके अंक काटे जायेगे व इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने के बाद ही आप सीएमओ एसएमओ प्रमोशन क्या है बन सकते है.
CMO Officer में चयन
ऊपर बताये सभी स्टेप पुरे करने के बाद आप सरकारी डॉक्टर या मेडिकल अधिकारी बन जाते है और इसके बाद आपको कुछ वर्षो तक इसमें सेवा देनी होती है और बेहतरीन सेवाएं देनी होगी इसके बाद आपके कार्य और अपने अनुभव के आधार पर आपको प्रमोशन द्वारा CMO Officer का पद दिया जाता है.
CMO अधिकारी का वेतन
अक्सर लोग इसके बारे में जानना चाहते है की आखिर एक सीएमओ अधिकारी का वेतन कितना होता है तो हम आपको इसके वेतन के बारे में जानकारी दे रहे है हालांकि सभी राज्य में वहां के नियमानुसार इनका वेतन अलग अलग हो सकता है व एक सीएमओ अधिकारी को प्रतिवर्ष 20,12,266/- रूपए तक का वेतन दिया जाता है.
Calculation – इस आर्टिकल में हमने आपको CMO Kaise Bane इसके बारे में जानकारी दी है हमे उम्मीद है आपको CMO बनने के बारे में दी गयी जानकारी उपयोगी लगी होगी अगर आपको जानकारी अच्छी लगे तो इसे अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें और इससे जुड़ा किसी भी तरह का सवाल पूछना चाहे तो आप हमे कमेंट के द्वारा बता सकते है.
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