AngelOne का मालिक कौन हैं?यह किस देश का App हैं?
दोस्तों आपने AngelOne ऐप के बारे में तो जरूर सुना होगा. यह एक मोबाइल एप्लीकेशन हैं जिसकी मदद से शेयर बाजार में निवेश कर पाना करना सम्भव हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं? AngelOne का मालिक कौन हैं?यह किस देश का App हैं? अगर नही जानते तो इस इंडिया का नंबर वन ब्रोकर कौन है आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें. इस आर्टिकल में हमने AngelOne ऐप के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों को विस्तार से बताया हैं.
AngelOne ऐप की मदद से सिर्फ अपने स्मार्टफोन के जरिए कभी भी कही भी शेयर बाजार में निवेश के साथ-साथ,म्युचुअल फंड, आईपीओ, सिप, सिक्योरिटीज, बांड्स आदि में भी निवेश किया जा सकता हैं. गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध ट्रेडिंग ऐप्स में से AngelOne ऐप सबसे अधिक लोकप्रिय हैं. इस वजह से इसके गूगल प्ले स्टोर से अब तक 10 मिलियन इंडिया का नंबर वन ब्रोकर कौन है से भी अधिक डाउनलोड किये जा चुके हैं. यह ऐप पूरी तरह से फ्री हैं. ऐसे में AngelOne ऐप के बारे में अधिक विस्तार से जान लेना हमारे लिए आवश्यक हो जाता हैं तो चलिए शुरू करते हैं.
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AngelOne का मालिक कौन हैं?यह किस देश का App हैं? |
AngelOne का मालिक कौन हैं?
AngelOne ऐप के मालिक दिनेश डी ठक्कर हैं. यह एक ऐप और वेबसाइट हैं. असल में AngelOne ऐप एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड कंपनी का हिस्सा हैं. इस कंपनी की शुरूवात 1996 में की गई थी. AngelOne ऐप को 11 दिसंबर 2015 में गूगल प्ले स्टोर पर लॉन्च किया गया था. AngelOne ऐप से फ्री में डिमैट एकाउंट भी ओपन कर सकते हैं. जिसके लिए सिर्फ पेनकार्ड, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, हस्ताक्षर, बैंक कैंसिल चेक, बैंक का 6 माह पुराना स्टेटमेंट, पासपोर्ट साइज फ़ोटो की आवश्यकता होती हैं.
AngelOne किस देश का App हैं?
AngelOne भारत का App हैं जिसे लॉन्च करने के पीछे एक मात्र उद्देश्य शेयर बाजार में निवेश को सरल बनाना था. इसका मुख्यालय भारत के अंधेरी, मुंबई में हैं. AngelOne भारत में बना ऐप होने के कारण देश के शेयर बाजार में निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं. असल में AngelOne ब्रोकिंग ऐप होने के साथ-साथ एक भारतीय ब्रोकर फर्म हैं. जो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज लिमिटेड, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड से जुड़ा हुआ हैं. AngelOne ऐप के जरिये किया गया निवेश पूरी तरह से सेफ और सिक्योर हैं. इस ऐप से फ्यूचर्स और ऑब्सन्स, कमोडिटी,गोल्ड और म्युचुअल फंड्स में भी निवेश किया जा सकता हैं.
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ट्रेडिंग में मार्जिन क्या होता है | Trading Margin Kya Hai
मार्जिन वो अमाउंट है जो आप ब्रोकर के पास ट्रेडिंग केलिए जमा रखते हो। मान लेते है कि आपने अपने खाते मैं 50000/- डाला है। अब अगर इस पैसों से 50000/- तक कि कैश ट्रेडिंग कर सकते है। लेकिन आपको अगर आपको 2,50,000/- ढाई लाख की ट्रेडिंग केलिए ब्रोकर से कुछ पैसा उधार लेना पड़ता है। इस लिमिट को एक्सपोजर भी कहते है। एक्सपोजर ( ढाई लाख) हुआ आप कितना का ट्रेड ले रहे है। मार्जिन ( 50 हजार ) हुआ की आप कितना दे रहे है। ब्रोकर ने ट्रेडिंग केलिए आपको 5X का एक्सपोजर दिया है ।
अब मैं आपको उदाहरन देकर समझाता हूँ। मान लो की आपको निफती फ्यूचर के 1 लोट खरीदना है। इसका प्राइस नवंबर में 18200 ( Current Price ) चलरहा है । निफती फ्यूचर में 1 लोट में 50 शेयर होता है । इसलि आपको पूरा 1 कॉन्ट्रक्ट ( 1900 Dec Stick Price ) ख़रीदने केलिए टोटल कैश मे लगेगा 19000 ×50= 9 लाख 50 हज़ार रुपए। इसको 1 लॉट की कॉन्ट्रक्ट मूल्य कहा जाता है।
मगर सब लोग उतना पैसा लगा नही सकते तो NSE उसका मारजिन सेट कर देती है 8% 12% ( ₹1,10,00) आपको देना होता है। ये कैलकुलेट होता है इंडेक्स की वोलेतिलिती से। मगर आपके 50000 से आपको 1 लाख का ट्रेड लेना है । अब ब्रोकर आपको 3x का एक्सपोजर दीया जिससे आप 1 लॉट ख़रीद सको । मगर ब्रोकर अपने पैसे तो लॉस करेगा नहीं करता है। ये ही एक्सपोजर को कूछ ट्रेडिंग कम्पनी 10X 5X भी दिखा कर ललचाते है।
मान लेते है अगले महीने इंडेक्स करेनेट प्राइस 20000 होता है। अभी 1 लॉट कीमत ( 20000 ×50 )10 लाख रुपए। मगर आपके ब्रोकर ने 1 लॉट को 9 लाख 50 हज़ार में इंडिया का नंबर वन ब्रोकर कौन है खरीदा था। इसलिए आपको 1 लॉट में फायदा 50 हजार रुपए का है । इसमें आपका ROI ( + 50000/ 50000) +100% । ब्रोकर ने आपको 3x का एक्सपोजर दीया जिससे आप 1 लॉट ख़रीद सको । जिससे आपको 5% के इंडेक्स बढ़ने पर आपको 100% का लाभ हुआ है।
मान लेते है अगले महीने इंडेक्स करेनेट प्राइस 18000 होता है। अभी 1 लॉट कीमत ( 18000 ×50 ) 9 लाख रुपए। मगर आपके ब्रोकर ने 1 लॉट को 9 लाख 50 हज़ार में खरीदा था। इसलिए आपको 1 लॉट में नुकसान 50 हजार रुपए का है। इसमें आपका ROI ( -50000/ 50000) – 100% । ब्रोकर ने आपको 3x का एक्सपोजर दीया जिससे आप 1 लॉट ख़रीद सको । जिससे आपको 5% के इंडेक्स बढ़ने पर आपको – 100% का नुकसान हुआ है। जिससे आपके पैसे पूरी तरह डूब जाता है।
फ्यूचर ट्रेडिंग जोखिम भरा होता है। कारण आप कम मार्जिन में बहोत कम समय मे ज्यादा पैसे बना भी सकते है लेकिन नुकसान होने की दशा में आपके पैसे पूरी तरह इंडिया का नंबर वन ब्रोकर कौन है डूब ( Bankrupt) सकते है। इसलिए बहुत सोच समझ कर ही फ्यूचर ट्रेडिंग करें।
ट्रेडिंग करने केलिए सबसे अच्छी ट्रेडिंग कंपनी कौन सी है?
बाजार में बहोत सारे ऐप है जो कि ऑप्शन ट्रेडिंग देते है मगर सबमें अलग ब्रोकेज चार्ज और मार्जिन के नियम अलग अलग है । इस लिए आपको बहोत सावधानी से अपना ब्रोकर चुने । में आपको कुछ ब्रोकर की सलाह देसकता है ।
1. जेरोधा सेकुरिट्स
2. ऐंजल ब्रोकिंग
3. मोतीलाल ओसबल सेकुरिट्स
4. IIFL सेकुरिट्स
5. उप स्टॉक
सबसे अच्छा सीमेंट कौन सा है?
बहुत से लोग जो खुद एक नया घर बनाने पर विचार कर रहे हैं, वे अक्सर आश्चर्य करते हैं कि घर इंडिया का नंबर वन ब्रोकर कौन है बनाने के लिए सबसे अच्छा सीमेंट कौन सा है । हां, यह पूछने में कुछ भी गलत नहीं है कि हाउस कंस्ट्रक्शन के लिए भारत में सबसे अच्छा सीमेंट (sabse acha cement konsa hai ) क्या है। हर कोई जो घर बनाना चाहता है उसे इस पर विचार करना चाहिए। भारत में सभी प्रकार के निर्माण कार्यों के लिए सीमेंट निर्माण कंपनियों द्वारा उच्च गुणवत्ता वाले सीमेंट की पेशकश की जाती है। मैं इन बातों में काफी दिलचस्पी रखता हम इसलिए मैं जानता हूँ की आज के समय में देश में किस सीमेंट को सबसे अच्छा है। आइये मैं आपको बताता हूँ।
घर बनाने के लिए कौन इंडिया का नंबर वन ब्रोकर कौन है सा सीमेंट अच्छा है?
घरों के निर्माण के लिए दो सर्वोत्तम प्रकार के सीमेंट इस प्रकार हैं जिनसे अच्छे सीमेंट की पहचान होती है ।
- साधारण पोर्टलैंड सीमेंट (ओपीसी): ओपीसी सभी प्रकार के निर्माण कार्यों में उपयोग के लिए सबसे व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला और पसंद किया जाने वाला विकल्प है और यह बहुत लंबे समय से है।
- पोर्टलैंड पॉज़ोलाना सीमेंट (पीपीसी): पॉज़ोलानिक अवयवों के उपयोग के कारण, जो सीमेंट को अधिक विशेषताएँ प्रदान करते हैं, पीपीसी ने अब अन्य सभी विकल्पों को पछाड़ दिया है। इस सीमेंट में ओपीसी 53 ग्रेड सीमेंट के समान ताकत है।
हाउस कंस्ट्रक्शन के लिए भारत में सबसे मजबूत सीमेंट कौन सा है?
घर बनाने के लिए भारत में सबसे अच्छा सीमेंट ( ghar banane ke liye best cement) इस प्रकार है। ये वर्तमान में भारत के शीर्ष 10 सीमेंट ब्रांड हैं।
- अल्ट्राटेक सीमेंट
- एसीसी सीमेंट
- अंबुजा सीमेंट
- श्री सीमेंट
- रामको सीमेंट
- द इंडिया सीमेंट्स लिमिटेड
- बिनानी सीमेंट
- वंडर सीमेंट
- जेएसडब्ल्यू सीमेंट
- माईसेम सीमेंट
घर बनाने के लिए सबसे प्रसिद्ध और भरोसेमंद सीमेंट अल्ट्राटेक सीमेंट, अंबुजा सीमेंट और एसीसी सीमेंट है।
किस सीमेंट की गुणवत्ता सबसे अच्छी है?
बाजार में सीमेंट के कई ब्रांड हैं। इनमें से तीन सीमेंट ब्रांड- अल्ट्राटेक सीमेंट, अंबुजा सीमेंट, और एसीसी सीमेंट- के पास उच्च स्तर का उपभोक्ता विश्वास है।
भारत में नंबर 1 सीमेंट कौन सा है?
राजस्व और बाजार हिस्सेदारी के अनुसार, अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड की सबसे बड़ी बाजार हिस्सेदारी है, जो भारत में खपत होने वाले सभी सीमेंट का 21.40 प्रतिशत से अधिक है। अल्ट्राटेक्ट सीमेंट लिमिटेड अब भारत की शीर्ष सीमेंट कंपनी है। इसलिए आपसे इस सवाल का जवाब की “ सबसे अच्छा सीमेंट कौन सा है”, अल्ट्राटेक्ट सीमेंट ही सकता है।
ये हैं निवेश के लिए 10 सबसे अच्छे म्यूचुअल फंड
हमने पांच अलग-अलग कैटेगरी से दो स्कीमों को चुना. इन कैटेगरी में एग्रेसिव हाइब्रिड, लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप और मल्टीकैप शामिल हैं.
यह भी मुमकिन है कि जिन स्कीमों के नाम बताए जाएं, वे लक्ष्यों और जोखिम प्रोफाइल के अनुकूल न हों. यही देखते हुए हमने टॉप 10 म्यूचुअल फंड स्कीमों की एक लिस्ट बनाई है. इसमें पांच अलग-अलग कैटेगरी से दो स्कीमों को चुना गया है. इन कैटेगरी में एग्रेसिव हाइब्रिड, लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप और मल्टीकैप शामिल हैं. हमारा मानना है कि नियमित म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए ये पर्याप्त होनी चाहिए.
टॉप 10 स्कीमों की लिस्ट
1. एक्सिस ब्लूचिप फंड
2. मिराए एसेट लार्जकैप फंड
3. पराग पारेख लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड
4. कोटक स्टैंडर्ड मल्टीकैप फंड
5. एक्सिस मिडकैप फंड
6. डीएसपी मिडकैप फंड
7. एक्सिस स्मॉलकैप फंड
8. एसबीआई स्मॉलकैप फंड
9. एसबीआई इक्विटी हाइब्रिड फंड
10. मिराए एसेट हाइब्रिड इक्विटी फंड
हालांकि, इन स्कीमों में निवेश करने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. पहली बात यह कि हर एक कैटेगरी के बारे में जानें और पता करें कि क्या वह आपके निवेश के लक्ष्य और जोखिम प्रोफाइल से मेल खाती है.
एग्रेसिव हाइब्रिड स्कीमों के लिए अपनी कुल रकम का 65-80 फीसदी इंडिया का नंबर वन ब्रोकर कौन है इक्विटी में निवेश करना जरूरी है. बाकी का 20-35 फीसदी उन्हें डेट में निवेश करना होता है. ये पूर्व की बैलेंस्ड या इक्विटी हाइब्रिड स्कीमों की तरह निवेश करती हैं. इक्विटी में कम से कम 65 फीसदी निवेश की सीमा के चलते इन पर इक्विटी स्कीमों की तरह टैक्स लगता है.
इसमें 'एग्रेसिव' शब्द से आपको भ्रमित नहीं होना चाहिए. कई म्यूचुअल फंड एडवाइजर नए निवेशकों को एग्रेसिव हाइब्रिड स्कीमों में पैसा लगाने की सलाह देते हैं. उनकी दलील होती है कि इक्विटी और डेट का मिलाजुला पोर्टफोलियो उथल-पुथल के दौरान इन्हें स्थिरता देता है.
वहीं, लार्जकैप म्यूचुअल फंड स्कीमें बेहद बड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेश करती हैं. सेबी के वर्गीकरण नियमों के अनुसार, लार्जकैप म्यूचुअल फंड स्कीमों के लिए निवेशकों से जुटाई गई रकम का कम से कम 80 फीसदी शीर्ष 100 कंपनियों में निवेश करना जरूरी है. चूंकि ये स्कीमें अपेक्षाकृत कम अस्थिर होती हैं. इसलिए इनमें रिटर्न भी सामान्य होता है. ऐसे में लार्जकैप स्कीमों में निवेश करते हुए रिटर्न की अपेक्षाओं को वास्तविक रखने की जरूरत है.
मिडकैप म्यूचुअल फंड स्कीमें मध्यम आकार की कंपनियों में निवेश करती हैं. इनमें बड़े आकार की कंपनी बनने का दमखम होता है. बेशक इनके साथ जोखिम और अस्थिरता ज्यादा होती है. लेकन, इनसे अधिक रिटर्न की भी अपेक्षा की जा सकती है. एडवाइजर नए निवेशकों को मिडकैप म्यूचुअल फंड स्कीमों की सलाह नहीं देते हैं. न ही उन्हें इन स्कीमों में पैसा लगाने को कहा जाता है जो अपने निवेश के साथ ज्यादा जोखिम नहीं ले सकते हैं.
स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड स्कीमों के लिए अपनी कुल रकम का 80 फीसदी छोटी कंपनियों में निवेश करना जरूरी है. शेयर बाजार में 250वें पायदान के नीचे आने वाली सभी कंपनियां इस श्रेणी में आती हैं. इनमें हमेशा सात से 10 साल की लंबी अवधि को ध्यान में रखकर ही निवेश करना चाहिए. छोटी अवधि में केवल ज्यादा रिटर्न के लिए इनमें निवेश करने इंडिया का नंबर वन ब्रोकर कौन है पर आप नुकसान उठा सकते हैं. इनके साथ बहुत ज्यादा जोखिम होता है. नए निवेशकों को इन स्कीमों में पैसा लगाने की सलाह नहीं दी जाती है.
मल्टीकैप म्यूचुअल फंड स्कीमों का सुझाव अक्सर उन निवेशकों को दिया जाता रहा है जो इंडिया का नंबर वन ब्रोकर कौन है निवेश के साथ थोड़ा जोखिम ले सकते हैं. सेबी के नए नियमों के अनुसार, मल्टीकैप स्कीम को अपने कुल एसेट का कम से कम 75 फीसदी इक्विटी या इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट में निवेश करना होगा. उनके लिए लार्ज, मिड और स्मॉलकैप शेयरों में न्यूनतम 25-25 फीसदी निवेश करना अनिवार्य किया गया है.
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