उल्लेखनीय है कि इस मेगा आईपीओ में एलआईसी के पॉलिसी होल्डर्स और कर्मचारियों को डिस्काउंट मिला था। इन्हें एक शेयर पर क्रमश: 60 रुपये और 45 रुपये का डिस्टाउंट मिला था।
डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है ? [निवेश करने के प्रक्रिया की जानकारी]
दोस्तों, क्या आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते है लेकिन बाजार के प्रतिदिन उतर चढ़ाव का जोखिम नहीं लेना चाहते है ? आपके लिए डिलीवरी ट्रेडिंग (Delivery Trading) एक बेहतर विकल्प है। यह निवेशकों में बहुत लोकप्रिय और सुरक्षित है।
डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक शेयर को अपने डीमैट खाता में जमा करता है। डीमैट खाता (Demat Account) में निवेशक बिना किसी समय अवधि तक होल्ड करके रख सकता है और फिर इच्छानुसार कभी भी अपने शेयर को बेच सकता है। जैसे इंट्राडे ट्रेडिंग में, ट्रेडर्स को एक दिन के अंदर ही शेयर खरीदने या बेचने की प्रतिबद्धता है, लेकिन डिलीवरी ट्रेडिंग में शेयर खरीदने या बेचने के लिए कोई परिसीमा नहीं है। निवेशक दो दिन के अंदर या दो वर्षो बाद भी अपने शेयर को बेच सकता है।
निवेशक के पास पूर्ण अधिकार होता है की वह अपने इच्छा के अनुसार अपने शेयर को होल्ड या बेच सकता है। डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग ऐसे निवेशकों के लिए डिविडेंड के फायदे और नुकसान अच्छा होता है जो ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते है और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट स्टॉक में मुनाफा बनाना चाहते डिविडेंड के फायदे और नुकसान हैं। डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक को शेयर खरीदने से पहले उस कीमत के बराबर पैसे तैयार रखने होते है।
डिलीवरी ट्रेडिंग के नियम
आप डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेश करना चाहते है तो आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान देना आवश्यक है। यह आपको सही शेयर खरीदने में मदद करेगा। आप शेयर बाजार में नए है और किसी निपुण निवेशक सलाहकार की मदद चाहिए तो आप CapitalVIa Global Research Limited से संपर्क कर सकते है। आईये जानते है कुछ बुनियादी नियम डिविडेंड के फायदे और नुकसान के बारें में जिसका पालन शेयर खरीदते समय करना चाहिए।
- सबसे पहले आपको कुछ कंपनी के fundamental Analysis के अध्यन करने के बाद एक सूचि तैयार करे।
- भविष्य में उसके विकास, बैलेंस शीट आदि को ध्यान में रखकर अपने डिविडेंड के फायदे और नुकसान wishlist में शामिल करे।
- अपने निवेश के जोखिम के अनुसार अपने डीमैट खाता में उतना धन संचित करे।
- सही शेयर की कीमत देखकर शेयर को ख़रीदे।
- बेचने के लिए सही समय की प्रतीक्षा करे ताकि आपको नुकसान नहीं हो।
- टारगेट और स्टॉप लॉस अवश्य लगाए।
- आपको पैसे अलग -2 कंपनियों में निवेश करे जिससे आपका जोखिम काम और रिटर्न्स अच्छा प्राप्त होगा।
डिलीवरी ट्रेडिंग कैसे करें?
कोई भी निवेशक डिलीवरी ट्रेडिंग को प्रक्रिया का चयन तभी करता है जब उसको long term के लिए निवेश करना है। डिलीवरी ट्रेडिंग में अपने कंपनियों के शेयर कोई खरीदते है और अपने डीमैट खाता में होल्ड करते है। आप अपने शेयर को जब अपने डीमैट खाता में रखना चाहे तो रख सकते है और जब आपको अपने शेयर कर अच्छा रिटर्न्स मिल रहा है तो आप उसको बेच सकते है। शेयर बेचने का निर्णय आप पर निर्भर है। अन्य इंट्राडे ट्रेडिंग के तरह आप बाध्य नहीं है।
डिलीवरी ट्रेडिंग में, आपके पास पर्याप्त धनराशि होनी चाहिए तभी आप शेयर को खरीद सकते है और बेचने के लिए भी आपके पास उतने शेयर होने चाहिए। डिलीवरी ट्रेडिंग में यदि आपका रणनीत अच्छी है तो आपको एक निश्चित अंतराल के बाद अच्छा रिटर्न्स प्राप्त होगा।
यदि आप शेयर बाजार में नए और आप सही शेयर खरीदने का निर्णय नहीं सकते है तो आपको सेबी रजिस्टर्ड निवेशक सलाहकार के परामर्श से आपको शेयर को खरीदने चाहिए। इससे शेयर बाजार के जोखिम काम हो सकता डिविडेंड के फायदे और नुकसान है।
डिलीवरी ट्रेडिंग के फायदे
डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग सरल और सुरक्षित निवेश है इसके साथ -2 अन्य सुविधाएं है।
लॉन्ग टर्म निवेश
डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग का सबसे बड़ा फ़ायदा है की आप शेयर को होल्ड कर सकते है, आप किसी समय अंतराल में बाध्य नहीं है।
उदाहरण : मान लीजिए कि अपने किसी कंपनी के शेयर में निवेश किया है और इसे होल्ड रखते हैं। कुछ समय बाद वह कंपनी या व्यवसाय आपको पॉजिटिव रिटर्न्स देता है, तो आप उस इन्वेस्ट में बने रह सकते हैं। लेकिन आपको कोई लाभ दिखाई नहीं देता है, तो आप उस शेयर को कभी भी बेचकर अपने पोजीशन से बाहर हो सकते हैं।
सुरक्षित
जब डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग के माध्यम से शेयर खरीदते है तो आप वह शेयर बेचने के लिए समय के बाध्य नहीं है। यह आपके जोखिम की संभावना को काम करता है और आपके निवेश को सुरक्षित रखता है।
उदाहरण : मान लीजिए कि अपने किसी कंपनी के शेयर में निवेश किया है और किसी भी कारन से शेयर का दाम अगले दिन गिर जाता है। आप वह शेयर होल्ड रख कर सही समय का इंतज़ार कर सकते हैं। जब शेयर के दाम आपके निवेश किये राशि से ज्यादा है तो आप शेयर बेचकर मुनाफा अर्जित कर सकते है। इसलिए यह शेयर सुरक्षित है।
Dividend vs SWP: म्यूच्यूअल फंड विड्रॉल के लिए एसडब्ल्यूपी या डिविडेंड? जानिए बेहतर विकल्प
Dividend vs SWP: म्यूच्यूअल फंड स्कीम से पूरी तरह बाहर निकले बिना रेगुलर कैश फ्लो जनरेट करने के दो तरीके हैं, पहला है Dividend और दूसरा SWP है। निवेशकों को यह तय करने से पहले कि कौन सा खरीदना है, लाभांश बनाम एसडब्ल्यूपी (Dividend vs SWP) प्लांस के फायदों को ध्यान से देखना चाहिए।
Mutual Fund Withdrawal Option: म्यूचुअल फंड निवेश कई तरह के विड्रॉल ऑप्शन के साथ आ सकता है। कई लोग आवश्यकता पड़ने पर एकमुश्त राशि में पैसा निकालना पसंद कर सकते हैं, वहीं अन्य लोग अपनी म्यूचुअल फंड योजनाओं से रेगुलर इनकम प्राप्त करना चाहते है।
भारत के आर्थिक विकास पर जनसांख्यिकीय लाभांश कैसे प्रभाव डालता है?
तत्कालीन परिपेक्ष में, 'जनसांख्यिकीय लाभांश' नीति डिविडेंड के फायदे और नुकसान निर्माताओं, अर्थशास्त्रियों और दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के लिए चर्चा का एक विषय बन गया है। बड़ी संख्या में युवा और कामकाजी उम्र की आबादी के साथ कई देश इस संभावित क्षमता को ले कर आमने सामने हैं। इस लेख में हमने बताया है की भारत के आर्थिक विकास पर जनसांख्यिकीय लाभांश कैसे प्रभाव डालता है जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है।
तत्कालीन परिपेक्ष में, 'जनसांख्यिकीय लाभांश' नीति निर्माताओं, अर्थशास्त्रियों और दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के लिए चर्चा का एक विषय बन गया है। बड़ी संख्या में युवा और कामकाजी उम्र की आबादी के साथ कई देश इस संभावित क्षमता को ले कर आमने सामने हैं। लेकिन लाभांश को हासिल करने के लिए बहुत कुछ किया जाना चाहिए जैसे : लड़कियों और महिलाओं का सशक्तिकरण, सार्वभौमिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करना जो नए आर्थिक अवसरों के अनुरूप सुरक्षित रोजगार का विस्तार करने में सहायक हों।
शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स, स्टाॅक मार्केट में होने वाली गलतियां
शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स
Share Market Investment Tips: यह बात बिल्कुल सही है कि शेयर बाजार में काफी ज्यादा पैसा कमाया जा सकता हैं, मगर साथ ही शेयर बाजार में काफ़ी ज़्यादा पैसा गंवाने की संभावना भी बनी रहती हैं। जिसके चलते अधिकतर लोग इसमें पैसा कमाने की जगह पैसा गवां बैठते हैं। खासकर नये व छोटे निवेशकों को शेयर बाजार की समझ कम होने के कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ता हैं।
स्टाॅक मार्केट में करोड़ों अरबों की पूंजी है लेकिन, इन पैसों को कमाना इतना आसान नहीं है जितना हमें लगता हैं। शेयर बाजार में अधिकतर लोग बहुत जल्दी करोड़पति बनने के बारे में सोचते हैं। लेकिन उनकी यह सोच बिल्कुल गलत हैं। शेयर बाजार से जरूर करोड़पति बना जा सकता हैं, मगर कुछ ही दिनों में ऐसा हो पाना नामुमकिन हैं। शेयर बाजार में यदि सही तरीके से निवेश नहीं किया जाता है तो कुछ ही दिनों में निवेश किये गये पैसे डूब जाते हैं। तथा अपनी जमा पूंजी भी गवां बैठते हैं।
दूसरों के कहने पर निवेश ना करें
अधिकतर रिटेल इन्वेस्टर्स यह गलती करते हैं कि वह किसी दूसरे के सुझाव पर शेयर बाजार में निवेश डिविडेंड के फायदे और नुकसान करते हैं। निवेशकों को ऐसी गलती करने से बचना चाहिए। आप जिस भी कंपनी के शेयरों में निवेश करना चाहते हैं, उसके बारे में पूरी जानकारी लेना चाहिए। इसके बाद यदि कंपनी का कारोबार अच्छा हैं और भविष्य में और बहतर होने की संभावना हैं तो उस कंपनी में निवेश करना फायदेमंद हो सकता हैं। अन्यथा बिना जानकारी के निवेश करना वित्तीय हानि पहुंचा सकता हैं।
रिटेल इन्वेस्टर्स कई बार सस्ते भाव वाले शेयरों के चक्कर में पैनी स्टाॅक के शेयर खरीद लेते हैं। उन्हें लगता हैं कि आने वाले समय में इनका भाव बढ़ेगा मगर परिणाम इसक उल्टा होता हैं। पैनी स्टाॅक में एक साथ बहुत ज्यादा गिरावट देखने को मिलती हैं। जिससे निवेश की गई रकम डूब जाती हैं।
छोटे व रिटेल इन्वेस्टर्स को सस्ते शेयरों के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए बल्कि कंपनी की ग्रोथ को प्राथमिकता देकर स्टाॅक का चुनाव करना चाहिए। यह बात भी ध्यान में रखनी चाहिए कि शेयरों का भाव, मिलने वाले रिटर्न को प्रभावित नहीं करता हैं। इसलिए शेयर महंगा हो या सस्ता, कंपनी की ग्रोथ को देखकर ही शेयर खरीदने चाहिए। जब अच्छे स्टाॅक का शेयर प्राइस कम हो तब खरीदारी करने का अच्छा मौका होता हैं। उस समय पर अच्छे शेयर भी कम कीमत पर मिल जाते हैं।
बाजार के उतार चढ़ाव को स्वीकार करें
शेयर बाजार से हमेशा समान रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। उतार चढ़ाव का होना बाजार का नियम हैं। अधिकतर रिटेल निवेशक उस समय निवेश का फैसला करते हैं जब बाजार में उछाल आता हैं, मगर ऐसा करना सही नहीं होता हैं। शेयर बाजर में गिरावट होने पर निवेश के मौके ढूंढने चाहिए। ताकि बाजार की गिरावट का फायदा मिल सके। शेयर बाजार में गिरावट के समय अच्छे शेयरों को कम दाम में खरीदा जा सकता हैं और जैसे ही बाजार में उछाल आता हैं तो मुनाफे के साथ शेयरों की बिकवाली की जा सकती हैं। इस तरह से बाजार में आई गिरावट भी आपको मुनाफा दिला सकती हैं।
यदि आप सारी जमा पूंजी को किसी एक ही स्टाॅक में लगा देते हैं तो ऐसा करने पर आपको काफी बढ़ा नुकसान उठाना पड़ सकता हैं। क्योंकि एक स्टाॅक में सारा पैसा लगाकर आप सिर्फ एक स्टाॅक से रिटर्न मिलने के मौहताज हो जाते हैं। और यदि उस स्टाॅक का प्रदर्शन निराशाजनक रहता हैं तो आपको नुकसान भुगतना पड़ सकता हैं। इसलिए अपनी जमा पूंजी को एक ही स्टाॅक में लगाने से बचना चाहिए।
ज्यादा रिटर्न के चक्कर में ना रहें
एक बार अच्छा रिटर्न मिल जाने के बाद भी और ज्यादा रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। लगभग 10 से 12 प्रतिशत रिटर्न मिल जाने के बाद शेयरों को बेचा जा सकता हैं। कई बार और ज्यादा रिटर्न पाने के चक्कर में शेयरों को ना बेचना नुकसानदायक हो सकता हैं। क्योंकि कुछ समय बाद शेयर प्राइस कम हो सकता हैं। जिसके कारण फायदे की जगह नुकसान भी उठाना पड़ सकता हैं।
इससे बचने के लिए आप रिटर्न की एक सीमा रेखा बना सकते हैं जिसे हासिल करने पर तुरंत शेयर देना चाहिए।
सोशल मीडिया जैसे प्लेटफार्म पर चलने वाली अफवाहों में ना आकर अपने शेयर बाजार एक्सपर्ट की सलाह लेकर निवेश करना चाहिए। एक्सपर्ट की सलाह लेकर निवेश करने पर काफी हद तक नुकसान से बचा सकता हैं।
कई बार सोशल मीडिया पर आपको करोड़पति बनाने के सपने दिखाते हैं, जिसके चलते आप निवेश कर देते हैं। ऐसा करने से आपको बचना चाहिए।
यदि आप शेयर बाजार में किसी भी तरह के जोखिम से बचना चाहते हैं तो आप एक्सपर्ट से सलाह लेकर निवेश करना चाहिए।
फ्लॉप हुई थी लिस्टिंग, अब मुनाफा बांटने की तैयारी में LIC
नई दिल्ली। हाल ही में देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में न्वेश करने वालों को नुकसान हुआ था। 17 मई डिविडेंड के फायदे और नुकसान 2022 को एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) से निवेशकों को घाटा हुआ था। लेकिन अब कंपनी जल्द ही अपने के लिए बड़ा ऐलान कर सकती है।
शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड दे सकती है एलआईसी
कंपनी ने निवेशकों को हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए तैयारी कर ली है। सरकारी सेक्टर की जीवन बीमा निगम डिविडेंड देने पर विचार कर डिविडेंड के फायदे और नुकसान रही है। शेयर बाजार में लिस्ट होने के बाद कंपनी 30 मई 2022 को पहले तिमाही के नतीजों का ऐलान करेगी।
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