शुरुआती के लिए विदेशी मुद्रा पाठ्यक्रम
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में वैसे तो कई सारे धार्मिक ग्रंथ और पुराण है लेकिन इन सभी में श्रीमद्भागवत गीता को सबसे अधिक पवित्र और पुण्यफलदायी माना जाता है इसमें 18 अध्याय और 700 श्लोक विद्यमान है और हर एक श्लोक, अध्याय बेहद महत्वपूर्ण है महाभारत युद्ध के समय जो उपदेश भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दिए थे उन्हीं का इसमें वर्णन किया गया है इसमें मनुष्य की हर समस्या का समाधान है श्रीमद्भागवत गीता से मनुष्य को ज्ञान शुरुआती के लिए विदेशी मुद्रा पाठ्यक्रम की प्राप्ति होती है गीता में ही कहा गया है कि मनुष्य जो भी कर्म करता है उसका फल उसे निश्चित रूप से प्राप्त होता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वाराश्रीमद्भागवत गीता से जुड़े जानकारी और इसके पाठ के नियम बता रहे हैं शुरुआती के लिए विदेशी मुद्रा पाठ्यक्रम तो आइए जानते हैं।
श्रीमद्भगवत गीता से जुड़े नियम—
धार्मिक पुस्तक यानी श्रीमद्भगवत गीता का पाठ करने के लिए सुबह का समय सबसे शुभ माना जाता है इस समय मन, मस्तिष्क और वातावरण में शांति और सकारात्मकता रहती है वही इसका पाठ हमेशा स्नान के बाद और शांत मन से करना उचित माना जाता है वही पाठ करते वक्त इधर उधर की बातों में ध्यान नहीं देना चाहिए और न ही शुरुआती के लिए विदेशी मुद्रा पाठ्यक्रम किसी काम के लिए बार बार उठना चाहिए।
श्रीमद्भगवत गीता का पाठ करने के लिए हमेशा ही साफ स्थान का चुनाव करें और आसन पर बैठकर ही इसका पाठ करें वही प्रत्येक अध्याय को शुरू शुरुआती के लिए विदेशी मुद्रा पाठ्यक्रम करने से पहले और बाद में भगवान श्री कृष्ण और गीता के चरण कमलों को स्पर्श जरूर करें मान्यता है कि इन नियमों का पालन करते हुए अगर श्रीमद्भगवत गीता का पाठ किया जाए तो व्यक्ति को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
गीता का पाठ करना बेहद जरूरी होता है क्योंकि इसका पाठ करने से मनुष्य को अपने जीवन में आने वाली समस्याओं से निपटने का मार्ग दिखता है जब मनुष्य पहली बार गीता का पाठ करता है तो इसे एक अंधे व्यक्ति के रूप में पढ़ता है यानी केवल इतना ही समझ पाता है कि कौन किसके पिता, कौन किसकी बहन और कौन किसका भाई है इसका पाठ प्रथम बार करने से मनुष्य को कुछ भी समझ नहीं आता है वही जब व्यक्ति दूसरी बार श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करता है तो व्यक्ति के मन में कुछ प्रश्न उठते हैं और वह उसे जाने का प्रयास करता है। ऐसे ही मनुष्य तीसरे, चौथी और पांचवी बार गीता का पाठ करता है लेकिन जब वो छठी बार इसका पाठ करता है तो भगवान को अपने सामने अनुभव करने लगता है शुरुआती के लिए विदेशी मुद्रा पाठ्यक्रम और व्यक्ति को लगता है कि भगवान उसे ये सब कुछ बता रहे है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) प्रैक्टिकल परीक्षा से चूके तो दूसरा मौका नहीं मिलेगा
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के कक्षा 10वीं और 12वीं के प्रैक्टिकल (प्रायोगिक परीक्षा) पहली जनवरी से शुरू होंगे। बोर्ड ने इस बार यह भी स्पष्ट किया है कि अगर परीक्षार्थी तय तारीख पर प्रैक्टिकल देने से चूक गया तो उसे दोबारा मौका नहीं मिलेगा।
वहीं, 12वीं के प्रैक्टिकल सिर्फ शुरुआती के लिए विदेशी मुद्रा पाठ्यक्रम बोर्ड से तैनात परीक्षक ही लेंगे। वहीं, बोर्ड की लिखित परीक्षा (शुरुआती के लिए विदेशी मुद्रा पाठ्यक्रम मुख्य थ्योरी) परीक्षा 15 फरवरी से शुरुआती के लिए विदेशी मुद्रा पाठ्यक्रम शुरू हो जाएगी। डेट शीट जारी होने के बाद से बोर्ड परीक्षार्थी तैयारियों में जुट गए हैं।
शिक्षकों के मुताबिक, सीबीएसई ने प्रयोगात्मक परीक्षाओ के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। प्रैक्टिकल एक जनवरी से शुरू होंगे, हालांकि इसके लिए अभी विस्तृत कार्यक्रम नहीं आया है।
स्कूलों को प्रयोगात्मक परीक्षाओं का पाठ्यक्रम समय से पूर्ण करने के आदेश मिले हैं। बोर्ड ने आदेश दिए हैं कि स्कूल शुरुआती के लिए विदेशी मुद्रा पाठ्यक्रम इंटरनल परीक्षाएं समय से संपन्न करा लें।
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